कोरोना के लिए दवाइयां निर्धारित करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. CJI एनवी रमना ने याचिकाकर्ता सुरेश शॉ से पूछा कि क्या आप डॉक्टर हैं या वैज्ञानिक? आपकी योग्यता क्या है? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक डॉक्टर नहीं हैं, लेकिन कॉमर्स और रिसर्च में पोस्ट ग्रेजुएट हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता डॉक्टर या वैज्ञानिक नहीं है, बल्कि कॉमर्स में स्नातकोत्तर है और याचिका महत्वपूर्ण नहीं है. CJI ने कहा कि कोविड के बारे में कॉमर्स का व्यक्ति डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को बता रहा है.
CJI ने आगे कहा कि अदालत इस याचिका को दायर करने के लिए जुर्माना लगाएगी. हम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाएंगे. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक बेरोजगार शिक्षक हैं और वह 1000 रुपये का भुगतान कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कलकत्ता हाई कोर्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को 1000 रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया और जनहित याचिका को खारिज कर दिया.
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट से याचिका खारिज किए जाने के बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में आया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया है.
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