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This Article is From May 31, 2023

उत्तरी सीमा पर पीएलए की लगातार तैनाती एक चुनौती : सीडीएस चौहान

पुणे (Pune) स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की 144वीं पाठ्यक्रम के पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि सशस्त्र बल न केवल निकट पड़ोस में, बल्कि विस्तारित पड़ोस में भी शांति और स्थिरता कायम रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

उत्तरी सीमा पर पीएलए की लगातार तैनाती एक चुनौती : सीडीएस चौहान
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने उत्तरी सीमा पर पीएलए की लगातार तैनाती को एक चुनौती बताया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर चीन की ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी'(People's Liberation Army) की लगातार तैनाती एक ‘चुनौती' है. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा (LOC) पर देश के दावों की वैधता को कायम रखने को प्रतिबद्ध हैं. पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की 144वीं पाठ्यक्रम के पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि सशस्त्र बल न केवल निकट पड़ोस में, बल्कि विस्तारित पड़ोस में भी शांति और स्थिरता कायम रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

बाद में संवाददाताओं से बातचीत में सीडीएस ने कहा, ‘‘उत्तरी सीमा पर पीएलए की तैनाती दिन-ब-दिन नहीं बढ़ रही है और उसके सैनिकों की संख्या उतनी ही है, जितनी 2020 में थी. इसलिए वहां चुनौती है और सशस्त्र बल वे सभी कदम उठा रहे हैं, ताकि कोई प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न नहीं हो.''

उन्होंने कहा, ‘‘हम डेमचोक और डेपसांग को छोड़कर सभी स्थानों को वापस पाने में सफल रहे हैं. वार्ता जारी है. उम्मीद है कि वार्ता के नतीजे आएंगे, हम आशान्वित हैं.''जनरल चौहान ने कहा, ‘‘इन सब के पीछे का विचार यह है कि हमें दावा रेखा की वैधता को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए. हमें उन इलाकों में गश्त करने में सक्षम होना चाहिए, जहां पर वर्ष 2020 में संकट शुरू होने से पहले वास्तव में (गश्त) करते थे.''

उल्लेखनीय है कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों देशों के जवान हताहत हुए थे. यह पिछले चार दशकों से अधिक समय में दोनों देशों के बीच सबसे बड़े सैन्य टकरावों में से एक था.

सीडीएस चौहान ने कैडेट से कहा, ‘‘हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब वैश्विक सुरक्षा अपनी बेहतरीन अवस्था में नहीं है और अंतरराष्ट्रीय भू राजनीति व्यवस्था में अनिश्चितता है. यूरोप में युद्ध चल रहा है, हमारी उत्तरी सीमा पर पीएलए की लगातार तैनाती है, हमारे पड़ोसी देशों में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल है. ये सभी भारतीय सेना के लिये अलग तरह की चुनौतियां पेश करते हैं.''

उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘‘सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हमारे दावे की वैधता कायम रखने और न केवल हमारे निकट पड़ोस, बल्कि विस्तारित पड़ोस में भी शांति व स्थिरता कायम रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध हैं.''सीडीएस चौहान ने कहा कि सीमा विवाद का समाधान अलग चीज है, लेकिन अभी समय अपने दावे वाली रेखा के पास जाना, किसी तरह का यथास्थिति कायम करने का है. उन्होंने कहा कि जब तक वह स्थिति नहीं बनती, सीमा पर लगातार निगरानी रखने की जरूरत है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि ऐसा करते समय ‘‘हम सीमा पर कोई गैर जरूरी संकट पैदा नहीं करें.''

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