प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
नई दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में रहने वाले देवन वर्मा पिछले चार दिन से परेशान हैं। वजह है चार दिन पहले उन्होंने एलपीजी के कस्टमर केयर में सिलेंडर भरवाने के लिए फोन किया और गलती से सिलेंडर सब्सिडी छोड़ने का बटन दबा दिया। दोबारा सब्सिडी हासिल करने के लिये न केवल कस्टमर केयर को फोन कर रहे हैं बल्कि साइट पर जाकर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है।
कस्टमर केयर से जवाब मिला है कि इस साल तो कुछ नहीं हो सकता है, हां अगले साल आपकी सब्सिडी बहाल हो सकती है। ऐसी ही परेशानी केवल देवन के सामने ही नहीं आई है, बल्कि अलका और उन जैसे हजारों लोगों के साथ भी आई है जिन्हें पता ही नही चला कि सब्सिडी कैसे हाथ से फिसल गई।
हालांकि इंडेन सरीखी गैस कंपनियों का दावा है अगर उन्हें ऐसी शिकायत मिलती है तो फिर से सिलेंडर पर सब्सिडी शुरु हो जाएगी। इंडेन के दिल्ली और हरियाणा इलाके के महाप्रबंधक शरद निगम कहते हैं , ''अगर उपभोक्ता उनकी साइट पर जाकर शिकायत दर्ज करवाते हैं तो उनके विवाद का निपटारा जरूर होता है। इसके लिए वो indane.co.in, mylpg.in या iocl.com या फिर 18002333555 पर अपनी बात कह सकते हैं।
वैसे, देशभर में करीब 15 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास एलपीजी गैस सिलेंडर है और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक करीब पांच लाख लोग ही सब्सिडी छोड़ने पर तैयार हुए है, जबकि सरकार का लक्ष्य एक करोड़ लोगों का है। सरकार के इस अभियान को पूरा करने के लिए खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नही रख छोड़ी है। बावजूद ज्यादातर लोग अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ने को तैयार नही हैं।
कस्टमर केयर से जवाब मिला है कि इस साल तो कुछ नहीं हो सकता है, हां अगले साल आपकी सब्सिडी बहाल हो सकती है। ऐसी ही परेशानी केवल देवन के सामने ही नहीं आई है, बल्कि अलका और उन जैसे हजारों लोगों के साथ भी आई है जिन्हें पता ही नही चला कि सब्सिडी कैसे हाथ से फिसल गई।
हालांकि इंडेन सरीखी गैस कंपनियों का दावा है अगर उन्हें ऐसी शिकायत मिलती है तो फिर से सिलेंडर पर सब्सिडी शुरु हो जाएगी। इंडेन के दिल्ली और हरियाणा इलाके के महाप्रबंधक शरद निगम कहते हैं , ''अगर उपभोक्ता उनकी साइट पर जाकर शिकायत दर्ज करवाते हैं तो उनके विवाद का निपटारा जरूर होता है। इसके लिए वो indane.co.in, mylpg.in या iocl.com या फिर 18002333555 पर अपनी बात कह सकते हैं।
वैसे, देशभर में करीब 15 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास एलपीजी गैस सिलेंडर है और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक करीब पांच लाख लोग ही सब्सिडी छोड़ने पर तैयार हुए है, जबकि सरकार का लक्ष्य एक करोड़ लोगों का है। सरकार के इस अभियान को पूरा करने के लिए खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नही रख छोड़ी है। बावजूद ज्यादातर लोग अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ने को तैयार नही हैं।
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