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This Article is From May 14, 2022

पहले के शिविरों से अलग है उदयपुर का 'चिंतन शिविर', कांग्रेस सूत्रों ने बताई त्रिदिवसीय रणनीति की इनसाइड स्टोरी

राहुल गांधी, जो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी सदस्यों की पहली पसंद के रूप में उभरे हैं,  पैनल डिस्कशन में अत्यधिक सक्रिय देखे गए हैं. हालांकि, राहुल गांधी ने अभी तक पार्टी प्रमुख के पद का फिर से चुनाव लड़ने का अपना इरादा स्पष्ट नहीं किया है.

पहले के शिविरों से अलग है उदयपुर का 'चिंतन शिविर', कांग्रेस सूत्रों ने बताई त्रिदिवसीय रणनीति की इनसाइड स्टोरी
उदयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी संगठनात्मक सुधारों के प्रति समयबद्ध कार्रवाई के लिए प्रेरित दिख रही है.
उदयपुर:

कांग्रेस (Congress) पार्टी द्वारा आयोजित पूर्व के विचार मंथन शिविरों से उदयपुर में चल रहा तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर (Nav Sankalp Chintan Shivir) कई मायनों में अलग है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पहले के शिविरों में जहां कांग्रेस नीतिगत बदलाव पर चर्चा करती थी और फैसले लेती थी, वहीं इस बार के चिंतन शिविर में पार्टी संगठनात्मक सुधारों के प्रति समयबद्ध कार्रवाई के लिए प्रेरित दिख रही है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चिंतन शिविर समाप्त होने के बाद जो घोषणाएं होंगी उनमें 50 साल से कम उम्र वालों के लिए पार्टी के 50 फीसदी पदों को आरक्षित करना शामिल हो सकता है. इसके अलावा एक सक्रिय संसदीय बोर्ड और "एक परिवार, एक टिकट" फार्मूला भी उसमें शामिल हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस संगठनात्मक पदों के लिए अधिकतम 5 साल का कार्यकाल तय करने की भी योजना बना रही है. इसमें तीन साल की कूलिंग-ऑफ अवधि शामिल होगी.

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सूत्रों ने बताया कि इसी बावत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब तक विभिन्न पैनलों के चर्चाओं में भाग ले चुकी हैं. इसके अलावा अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष ने राजनीतिक और संगठनात्मक चर्चाओं में भी भाग लिया है जबकि प्रियंका ने पार्टी में पदों की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श किया है.

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राहुल गांधी, जो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी सदस्यों की पहली पसंद के रूप में उभरे हैं,  पैनल डिस्कशन में अत्यधिक सक्रिय देखे गए हैं. हालांकि, राहुल गांधी ने अभी तक पार्टी प्रमुख के पद का फिर से चुनाव लड़ने का अपना इरादा स्पष्ट नहीं किया है. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके करीबी सूत्रों ने संकेत दिया है कि उन्हें अभी भी लगता है कि एक गैर-गांधी को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए.

चिंतन शिविर में भाग ले रहे असंतुष्ट, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल को छोड़कर, कॉन्क्लेव में एकजुट और एकसाथ दिखे. सूत्रों ने कहा कि आम सहमति बनने के बाद वे एक बयान जारी कर सकते हैं.

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बता दें कि कांग्रेस लगभग नौ साल के अंतराल के बाद चिंतन शिविर आयोजित कर रही है. पार्टी इस वक्त "अभूतपूर्व संकट" का सामना कर रही है क्योंकि  सिर्फ दो राज्यों में ही अपने दम पर सत्ता में बनी हुई है और लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में 100 से भी कम सदस्य रह गए हैं.

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