कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार के 11 मंत्रियों के ट्वीट्स को मैनुपुलेटिड मीडिया करार देने की मांग की;है, इन मंत्रियों में गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख़्तार अब्बास नक़वी और गजेन्द्र सिंह शेखावत के नाम शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि ये सभी ट्विटर प्लेटफ़ार्म का ग़लत इस्तेमाल कर फ़र्ज़ी टूलकिट के ज़रिए कांग्रेस के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे हैं, इन सबों के संबंधित ट्वीट के लिंक भी इस पत्र के साथ संलग्न किया गया है. पत्र में ट्विटर के साथ इस बाबत पहले हुए पत्राचार का हवाला देते हुए लिखा गया है कि ट्विटर ने ट्वीट्स के जो यूआरएल मांगे थे, वे दिए जा रहे हैं.
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गौरतलब है कि टूलकिट मामले को लेकर केंद्र सरकार, ट्विटर के समक्ष नाराजगी का इजहार कर चुकी है. केंद्र ने कथित तौर पर सरकार को बदनाम करने वाले टूलकिट पर टैग के लिए हेरफेर करके बनाए गए मीडिया टैग को लेकर ट्विटर से ऐतराज जताया था. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार, सरकार ने दोटूक लहजे में ट्विटर से कहा है कि यह मीडिया टैग हटा दे क्योंकि मामला अभी लंबित है. सूत्रों के अनुसार, जांच ही सामग्री की सत्यता का निर्धारण करेगी न कि ट्विटर. इसके साथ ही सरकार ने ट्विटर से जांच की प्रक्रिया में दखल नहीं देने को कहा है. ट्विटर ऐसे समय अपना जजमेंट नहीं दे सकता जब मामला जांच के दायरे में है.ट्विटर पर इस तरह के कंटेट का होना इस सोशल मीडिया बेवसाइट की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लगाता है.
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