केंद्र ने कथित तौर पर सरकार को बदनाम करने वाले टूलकिट पर टैग के लिए हेरफेर करके बनाए गए मीडिया टैग को लेकर ट्विटर से ऐतराज जताया है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. देश के कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों को कथित तौर पर बदनाम करने के लिए यह मीडिया टैग तैयार कए गए थे. सरकार ने दोटूक लहजे में ट्विटर से कहा है कि यह मीडिया टैग हटा दे क्योंकि मामला अभी लंबित है. सूत्रों के अनुसार, जांच ही सामग्री की सत्यता का निर्धारण करेगी न कि ट्विटर. इसके साथ ही सरकार ने ट्विटर से जांच की प्रक्रिया में दखल नहीं देने को कहा है. ट्विटर ऐसे समय अपना जजमेंट नहीं दे सकता जब मामला जांच के दायरे में है.ट्विटर पर इस तरह के कंटेट का होना इस सोशल मीडिया बेवसाइट की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लगाता है.
‘फर्जी टूलकिट' मामले में कांग्रेस हमलावर, बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराई
सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कड़े शब्दों में ट्विटर की वैश्विक टीम को पत्र लिखा है और कुछ राजनेताओं के ट्वीट के साथ ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी' टैग पर आपत्ति दर्ज कराई है. ये ट्वीट कथित रूप से कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की कोशिशों को कमतर दिखाने, पटरी से उतारने और बदनाम करने के लिए बनाए टूलकिट के संदर्भ में किए गए थे.ट्विटर के साथ किए गए संवाद में मंत्रालय ने कहा कि पहले ही स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी के समक्ष संबंधित पक्षकारों में से एक ने शिकायत दर्ज कराई है और टूलकिट की सच्चाई पर सवाल उठाया है एवं उसकी जांच की जा रही है.सरकारी सूत्रों ने बताया कि स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी मामले की जांच कर रही है, ऐसे में ट्विटर ने एकतरफा तरीके से इस मामले में निष्कर्ष निकाल लिया और मनमाने तरीके से ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी' के साथ इसे टैग कर दिया.सूत्रों ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि ट्विटर द्वारा इस तरह की टैगिंग न्याय से पूर्व, पूर्वाग्रह और जानबूझकर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी की जांच प्रभावित करने की कोशिश है.
BJP के संबित पात्रा के 'टूलकिट पोस्ट' को ट्विटर ने करार दिया 'Manipulated Media'
मंत्रालय ने ट्विटर के इस कथित एकतरफा कदम को निष्पक्ष जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने और अपनी सीमा का उल्लंघन करार दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह पूरी तरह से अवांछित था. मंत्रालय ने अपने पत्र में आगे कहा कि ट्विटर ने एकतरफा तरीके से कुछ ट्वीट को ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किया हुआ' दिखाया जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा जांच लंबित है. सूत्रों के मुताबिक पत्र में कहा गया कि ऐसे कदम से न केवल ट्विटर की उपयोगकर्ताओं द्वारा तटस्थ और निष्पक्ष तरीके से विचारों के आदान-प्रदान के मंच के तौर पर विश्वसनीयता कमजोर होती है बल्कि ट्विटर पर ‘बिचौलिया' के तौर पर सवाल उठता है. गौरतलब है कि यह पत्र ट्विटर द्वारा भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को ‘‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया'' करार दिए जाने के बाद आया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक ‘टूलकिट' तैयार किया था.ट्विटर का कहना है कि ‘वह उस ट्वीट को ऐसा ''लेबल'' दे सकता है जिससे संबद्ध मीडिया (वीडियो, ऑडियो और तस्वीरें) को छलपूर्वक तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया हो.(भाषा से भी इनपुट)
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