बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि जब बांग्लादेश के साथ देश की दोस्ती के हर प्रतीक पर हमला हो रहा है तो भारत में लोगों के लिए उदासीन रहना मुश्किल है. बांग्लादेश में उथल-पुथल की ओर इशारा करते थरूर ने कहा कि यह देखना दुखद है कि जिसे लोकतांत्रिक क्रांति के रूप में देखा गया था, वह अराजकता में बदल गई और अल्पसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हिंसा की गई.
शशि थरूर ने कहा कि यह बेहद दुखद है. हमें भारत में बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए. लेकिन हमारे लिए उदासीन रहना मुश्किल है. जब बांग्लादेश के साथ भारत की दोस्ती के हर प्रतीक पर हमला किया जा रहा है. कैसे जारी हिंसा के दौरान कई संस्थानों में तोड़फोड़ की गई, जिससे यह भारत में लोगों के लिए "बहुत नकारात्मक" संकेत बन गया.
थरूर ने कहा, "भारतीय सैनिकों के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की मूर्ति को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया है. भारतीय सांस्कृतिक केंद्र को नष्ट कर दिया गया है और इस्कॉन मंदिर सहित कई संस्थानों में तोड़फोड़ की गई है. ये सभी चीजें बहुत नकारात्मक हैं. भारत में लोगों के लिए इस तरह का संकेत आना बांग्लादेश के हित में नहीं है.”
बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच 5 अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश एक अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है. मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन, सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गया.
बांग्लादेश सेना के जवानों और देश में हिंसा के दौरान लापता हुए अपने परिवार के सदस्यों के पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों के बीच मंगलवार को झड़प हो गई. ढाका में जमुना स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहां बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस रह रहे हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने ढाका के ऐतिहासिक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को देश में उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.
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