प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार के कड़े आलोचक पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने कॉलम में जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) का समर्थन किया और कहा कि कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में वह प्रधानमंत्री का समर्थन करने के लिए "कर्तव्यबद्ध" हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने अपने कॉलम में लिखा, "मैं पीएम को समर्थन करने के लिए कर्तव्यबद्ध हूं और मैं ऐसा करूंगा." उन्होंने सरकार से शहरों और कस्बों को अस्थायी रूप से बंद करने की भी मांग की. कोरोना वायरस संक्रमण के देश में अब तक 341 मामले सामने आए हैं.
उन्होंने लिखा- "मुझे पूरा यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ दिनों में कड़े सामाजिक और आर्थिक उपायों के साथ सामने होंगे. मैं सभी कस्बों और शहरों में दो-चार हफ्तों के लिए अस्थायी लॉकडाउन (बंदी) की मांग करता हूं."
चिदंबरम ने कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान आर्थिक नरमी कोरोना वायरस की वजह से शुरू हुई है, यह सही नहीं है. जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट का सिलसिला कोरोना वायरस संकट से पहले का है."
पूर्व वित्त मंत्री ने जोर दिया कि इससे कारोबार प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि फैक्टरियों में कर्मचारियों की छंटनी और अस्थायी नौकरियों पर तलवार लटकी है. छोटे उत्पादकों को नकदी प्रवाह से जुड़ी दिक्कत हो रही है, कच्चे माल की आपूर्ति पर असर पड़ा है और कर्ज देने में कमी आई. उन्होंने कहा, "यह सब अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट का परिणाम है. मैंने गिरावट को रोकने के लिए सही नीतियां और उपाय नहीं किए जाने के लिए सरकार का आलोचना की है. यह आलोचना जायज है. हालांकि, सरकार को कोरोना संकट के लिए सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता है. "
उन्होंने सुझाव दिया कि पीएम-किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि को दोगुना करके 12,000 करना चाहिए. उनका कहना को सरकार को अगले छह महीने में कोरोना वायरस के कम करने के लिए 5,00,000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना चाहिए. चिदंबरम ने लिखा, "यह नैतिक और आर्थिक रूप से जरूरी है और हमें पैसे का इंतजाम करना चाहिए और उसे खर्च करना चाहिए.
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