
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
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नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद किया गया
गुजरात कोऑपरेटिव बैंक में नोटबंदी के दौरान सबसे बड़ा घोटाला किया गया
नोटबंदी घोटाले की जांच के वक़्त सबसे घोटाले के अब सबूत मिले हैं
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कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद किया गया. गुजरात कोऑपरेटिव बैंक में हेरफेरी करके नोटबंदी के दौरान सबसे बड़ा घोटाला किया गया. कांग्रेस का आरोप है कि घोटाले से जुड़े सबूत अब सामने और गुजरात के कई कोऑपरेटिव बैंकों के चेयरमैन BJP नेता हैं. नोटबंदी घोटाले की जांच के वक़्त सबसे घोटाले के अब सबूत मिले हैं. नोटबंदी के दौरान एक बैंक में 745 करोड़ रुपये पांच दिन में जमा हुए. यह वही बैंक है जिसके निदेशक बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह रहे हैं. अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने के महज पांच दिन के भीतर 745.59 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट प्राप्त किए थे.
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गौरतलब है कि नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन बाद 14 नवंबर 2016 को सभी जिला सहकारी बैंकों को लोगों से प्रतिबंधित नोट जमा लेने से मना कर दिया गया था क्योंकि यह आशंका जताई गई थी कि सहकारी बैंकों के जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, अमित शाह उस समय बैंक में निदेशक पर थे और वह कई साल से इस पद पर बने रहे. वह 2000 में बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं.
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एडीसीबी के पास 31 मार्च 2017 को कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.31 करोड़ रहा. एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा करने वाला सहकारी बैंक राजकोट जिला सहकारी बैंक है जिसके अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार में कैबिनेट मंत्री जयेशभाई विट्ठलभाई रडाड़िया हैं. इस बैंक ने 693.19 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा लिए थे.
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जाहिर है कि राजकोट गुजरात में भाजपा की राजनीति का केंद्र रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से 2001 में विधायक चुने गए थे. गौर करने बात यह है कि अहमदाबाद और राजकोट के जिला सहकारी बैंकों द्वारा जमा प्राप्ति का यह आंकड़ा गुजरात राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा जमा प्राप्त रकम 1.11 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है.
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