
- MP के कई जिलों में उर्वरक की कमी से किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
- CM यादव ने कलेक्टरों को किसानों को उर्वरक वितरण में अव्यवस्था न होने के सख्त निर्देश दिए हैं
- जिलों में उर्वरक स्टॉक की समीक्षा, किसानों को जानकारी देना और गोदामों का निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है.
यह मौसम बुवाई का है, पर खेतों में उम्मीद के बीज नहीं, ग़ुस्सा और मायूसी दिख रही है. मध्यप्रदेश के कई जिलों में उर्वरकों (खाद) की कमी ने किसानों की कमर तोड़ दी है. खाद की कमी किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बनते दिख रही है. किसानों की समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में कलेक्टरों को सख़्त हिदायत दी है. सीएम यादव ने कहा है कि जिलों में यदि उर्वरक वितरण को लेकर अव्यवस्था होती है तो उसके लिए जिला कलेक्टर उत्तरदायी होंगे.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हर हाल में किसानों के साथ है. ये भी आदेश दिया गया है कि जिलों में स्टॉक की समीक्षा हो, किसानों को लगातार जानकारी दी जाए और गोदामों पर आकस्मिक निरीक्षण किए जाएं.अतिरिक्त विक्रय केन्द्र की आवश्यकता होने पर उनका संचालन तत्काल आरंभ किया जाए. कृषि, सहकारी बैंक, विपणन संघ के अधिकारी निरंतर सम्पर्क में रहें.लेकिन ज़मीन पर तस्वीर बिल्कुल अलग है.
आपको बता दें कि रीवा की करहिया मंडी में मंगलवार रात हालात बेक़ाबू हो गए. सैकड़ों किसान यूरिया के लिए टोकन लाइन में खड़े थे. प्रशासन ने पहले चाय-बिस्कुट बांटकर माहौल शांत करने की कोशिश की, मगर रात बढ़ी तो ग़ुस्सा भी भड़क उठा. किसानों ने ग़लत प्रबंधन का आरोप लगाते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार और मार्कफेड अफ़सरों को कमरे में बंद कर दिया. जवाब में पुलिस ने डंडे बरसाए. हालांकि प्रशासन ने कहा “लाठीचार्ज नहीं हुआ, बस हल्का बल प्रयोग किया गया. अधिकारियों का दावा है कि खाद पर्याप्त है, किसानों को धैर्य रखना होगा.
लेकिन किसानों का सब्र टूट चुका है. कई किलोमीटर दूर से आए किसान दो-दो दिन लाइन में खड़े होकर भी खाली हाथ लौट रहे हैं. एक किसान ने बेबसी में कहा कि अगर बुवाई के समय यही हाल है तो आगे कैसे होगा? सरकार का दावा है कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और नकली उर्वरक आदि से संबंधित प्रकरणों पर कार्रवाई करते हुए 53 एफ.आई.आर दर्ज की गई और 88 लायसेंस निरस्त हुए, 102 लायसेंस निलंबित किये गये और 406 बिक्री केंद्र बंद किए गए हैं.
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