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This Article is From Aug 12, 2023

जानें, जयराम रमेश के 'दो पाप' के आरोप पर NDTV से क्या बोले CM हिमंता बिस्वा सरमा

हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "लोग जब बोलते हैं न कि इसको राहुल जी ने इतना दे दिया.. राजीव जी ने इतना दे दिया.. मैं नहीं मानता. मैं मानता हूं, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर खून देते हैं, तब आप दिल्ली में बैठकर राज करते हैं."

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा.

नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर में बीजेपी के प्रमुख नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी पहले की पार्टी कांग्रेस और उसके बड़े नेता जयराम रमेश पर निशाना साधा. उन्होंने रमेश के व्यंग में कहे गए दो लोगों, असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया और तरूण गोगोई के 'पाप' की वजह बताने पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, "मैं जब कांग्रेस में था, तब भी जयराम रमेश का मुझसे और मेरा उनसे कोई बहुत लगाव नहीं था."

76वें स्वतंत्रता वर्ष के मौके पर एक विशेष सीरीज में एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ विशेष बातचीत के दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने ये बात कही. उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कांग्रेस से कहा- आपने मुझे कुछ नहीं दिया. मैंने पार्टी को बहुत कुछ दिया."

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा था, "असम के मुख्यमंत्री बीजेपी वॉशिंग मशीन के प्रोडक्ट हैं. अब पूर्वोत्तर में कांग्रेस की तरफ से किए गए सभी तथाकथित पापों को याद कर रहे हैं. वास्तव में केवल दो ही पाप हैं. एक हितेश्वर सैकिया की तरफ से आत्मसमर्पित उल्फा का हिस्सा बने एक युवक को सम्मान दिलाने की प्रतिबद्धता. दूसरे थे तरुण गोगोई, जिन्होंने इस रैंक को सत्ता और अधिकार के अवसरवादी पद दिए. कोई रहस्य नहीं कि लाभार्थी कौन था और अब वह कौन है."

54 साल के असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा कभी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया और तरुण गोगोई के चहेते माने जाते थे. तरूण गोगोई से अनबन के बाद उन्होंने 2015 में कांग्रेस छोड़ दी थी.

CM सरमा ने जयराम रमेश के आरोप के जवाब में कहा, "किसी ने मुझको मौका नहीं दिया. गोगोई साहब जब जिंदा थे, मैंने उनको प्रूफ करके दिखाया कि मैं आपकी सिंपेथी के लिए यहां नहीं हूं, मेरी अपनी जमीन है. हितेश्वर सैकिया जी मुझको कांग्रेस में नहीं लाए, मैंने पूरे असम की स्टूडेंट्स कम्युनिटी को, उनके रिक्वेस्ट पर कांग्रेस के साथ जुड़वाया. उसके लिए मैं उल्फा के टारगेट पर भी आया. हितेश्वर सैकिया जी से मैं मिला था. उस समय मैं असम बिगेस्ट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का तीन बार का जनरल सेक्रेटरी था. मैंने पहले दिन से ही कांग्रेस को बोला, आपने मुझको कुछ नहीं दिया, मैंने आपको बहुत दिया.''

गांधी परिवार के प्रबल आलोचक सरमा ने कहा, "मैं इस बात को कभी नहीं मानता हूं कि गांधी फैमिली हमें कुछ देती है. मैं हमेशा मानता हूं कि हमारे खून से गांधी फैमिली बनी है. लोग जब बोलते हैं न कि इसको राहुल जी ने इतना दे दिया.. राजीव जी ने इतना दे दिया.. मैं नहीं मानता. मैं मानता हूं, इट वाज ए स्ट्रीट सोल्जर ऑफ कांग्रेस पार्टी. वे खून देते हैं और आप दिल्ली में बैठकर राज करते हैं."

उन्होंने जयराम रमेश को गांधी परिवार का दरबारी भी कहा.

सरमा ने कहा, "गांधी परिवार ने दिल्ली में शासन किया और यह जयराम रमेश जैसे लोग.. वे लोग दरबारी हैं. दरबारी लोग हकीकत नहीं जानते हैं कि पॉलिटिक्स क्या है."

हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में कांग्रेस के लिए 2006 और 2011 के चुनाव अभियानों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया था. तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने अगस्त 2015 में पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए.

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