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This Article is From Feb 26, 2024

सीएम एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे

मुख्यमंत्री शिंदे ने रविवार को कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें उसके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. उन्हें कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए.

सीएम एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे
मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय से बड़ा कोई नहीं है.
छत्रपति संभाजीनगर:

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए और बताना चाहिए कि कुनबी मराठों के 'सगे संबंधियों' पर अधिसूचना क्यों लागू नहीं की जा रही है. जरांगे ने रविवार देर रात यह टिप्पणी तब की जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए.

जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरोप लगाया कि फडणवीस उनकी "हत्या करने" की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उप मुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें 'सेलाइन' के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया.

जरांगे बाद में अंतरवाली सरती से चले गए और मुंबई जाते समय छत्रपति संभाजीनगर के भांबेरी गांव में रुके. मुख्यमंत्री की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने मराठी समाचार चैनल 'एबीपी माझा' से कहा, "मैंने इन्हें सुना नहीं है, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि (मराठों के) रिश्तेदारों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों लागू नहीं की गई. मैं उनका बहुत सम्मान करता था. उन्हें उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए और उनकी (फडणवीस की) भाषा नहीं बोलनी चाहिए."

जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय से बड़ा कोई नहीं है. उन्होंने पूछा, "यह उनकी (शिंदे की) जिम्मेदारी थी कि वे (मराठों के) रिश्तेदारों के लिए अधिसूचना लागू करें और कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राजपत्र (निज़ाम राज्य, सतारा के) को सबूत के रूप में लेने पर विचार करें. प्रमाणपत्रों का वितरण रोक दिया गया है. हमारी तरफ से कौन सी मांग अतिरिक्त थी?"

मुख्यमंत्री शिंदे ने रविवार को कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें उसके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. उन्हें कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए. इसके बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, "मैं अब भी उनका ( शिंदे) सम्मान करता हूं. हमें लगता था कि आप एक सच्चे मुख्यमंत्री थे. मैं ईमानदार हूं और मुझसे ज्यादा मत बुलवाइए. मैं आ रहा हूं. मुंबई के लिए."

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उन्होंने कहा, "अगर धोखाधड़ी हो रही है तो हम क्या कहें. क्या ये तीनों (शिंदे, फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार) अपनी राजनीति के लिए मराठा समुदाय को खत्म करना चाहते हैं? मराठा समुदाय अब भी शिंदे पक्ष के समर्थन में बोलता है और उन्हें उनकी (फडणवीस) बात नहीं सुननी चाहिए."

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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