राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) के बीच मची आंतरिक कलह का पटाक्षेप हो चुका है. बीते सोमवार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की थी. जिसके बाद वह एक बार फिर कांग्रेस के हाथ से हाथ मिलाते हुए नजर आए. राजस्थान में आज (शुक्रवार) से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो चुका है, यानी एक ओर गहलोत सरकार के एजेंडों में कई बिलों को पास कराना होगा, तो वहीं अविश्वास-विश्वास प्रस्ताव को लेकर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि वह सदन में विश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. दोपहर में सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के प्रमुख व्हिप महेश जोशी ने विश्वास प्रस्ताव को लेकर स्पीकर को नोटिस दिया. जिसके बाद गहलोत सरकार में कानून और संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि हमने यहां (राजस्थान) गोवा, एमपी नहीं बनने दिया.
CM अशोक गहलोत खुद लाएंगे विश्वास प्रस्ताव, प्रमुख 10 बातें
- विधानसभा सत्र के पहले दिन यानी आज बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की थी. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने कहा था, 'हम अपने सहयोगी दलों के साथ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं.' बीजेपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की खबरों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'हम खुद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे.'
- आज बारिश की वजह से सदन की कार्यवाही शुरू होने में थोड़ी देरी हुई. सत्र के शुरू होते ही राजस्थान विधानसभा को 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया. 1 बजे कार्यवाही शुरू होते ही गहलोत सरकार में कानून और संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया.
- मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अशोक गहलोत ने यहां (राजस्थान) बीजेपी को छठी का दूध याद दिला दिया. यहां हमने गोवा, मध्य प्रदेश नहीं बनने दिया. गहलोत सरकार के मंत्री शांति धारीवाल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को रबर स्टैंप बताया.
- राजस्थान विधानसभा में आज 4 बीजेपी और 4 कांग्रेस विधायक विश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे. सदन में बीजेपी के उप-नेता राजेंद्र राठौड़ ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि काफिला कहां लुटा. 35 दिन पूरी सरकार बाड़े में बंद थी. कांग्रेस में नेताओं में एक दूसरे के प्रति संदेह है. कल कुछ टूटे दिल मिले. ये तूफान से पहले की शांति राजस्थान को कहां ले जाएगी.'
- बता दें कि बीते मंगलवार सचिन पायलट के जयपुर पहुंचते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसलमेर के लिए निकल गए थे, जहां कांग्रेस के करीब 100 विधायकों को रखा गया था. सीएम गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस विधायक इस राजनीतिक टकराव से स्वाभाविक रूप से परेशान हैं, लेकिन हर किसी को आगे बढ़ना चाहिए.
- संवाददाताओं से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, 'जिस तरह से ये पूरा घटनाक्रम हुआ, उससे विधायक वास्तव में परेशान थे. मैंने उन्हें समझाया कि कभी-कभी हमें सहनशील होने की आवश्यकता होती है. हमें राष्ट्र, राज्य और लोगों की सेवा करनी है और लोकतंत्र को बचाना है.'
- बीते दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जो बातें हुईं, उन्हें भूल जाएं. सचिन पायलट से मुलाकात करने के बाद CM ने बैठक में कहा, 'जो बातें हुईं, उन्हें अब भूल जाओ. हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते लेकिन फिर वह खुशी नहीं मिलती क्योंकि अपने तो अपने होते हैं.'
- CM गहलोत ने कहा, 'हम खुद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे. जिन विधायकों को कोई समस्या है, जो रूठे हैं वो मुझसे अकेले आकर मिल सकते हैं.' इसके पीछे गहलोत का संदेश बीती बातों यानी कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ने का रहा.
- बता दें कि राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से एक दिन पहले यानी गुरुवार को हुई बैठक में पर्यवेक्षक और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में CM अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट की मुलाकात हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और मुस्कुराए. पायलट इस बैठक के लिए CM गहलोत के आधिकारिक आवास पहुंचे थे.
- मुख्यमंत्री आवास पर अशोक गहलोत के खिलाफ पूर्व में बागी तेवर अपनाने वाले अन्य विधायक भी पहुंचे थे. बैठक के लिए गहलोत खेमे के विधायकों को होटल से मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया. केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक आयोजित हुई.