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पायलट की "घर वापसी" से बढ़ी गहलोत की ताकत, राजस्थान सरकार ने हासिल किया विश्वास मत; 10 अहम बातें
- Friday August 14, 2020
Rajasthan Floor Test: करीब एक महीने तक चली सियासी खींचतान (Rajasthan Crisis) और बगावत के थमने के बाद राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आज बहुमत साबित कर दिया है. मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह के बाद विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion) पेश किया गया. शुक्रवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, "विधानसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है. इसमें राजस्थान के लोगों और कांग्रेस विधायकों की एकता की जीत होगी. यह सच की जीत होगी. सत्यमेव जयते."
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राजस्थान के सियासी संकट के बीच 6 प्वाइंट्स में जानिए- क्या है विश्वास और अविश्वास प्रस्ताव?
- Friday August 14, 2020
राजस्थान कांग्रेस में चली महीने भर की खींचतान के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार से शुरू हो रही विधानसभा के विशेष सत्र में भारतीय जनता पार्टी की चुनौती का सामना कर रहे हैं. बीजेपी ने गुरुवार को घोषणा की थी कि पार्टी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगी. यानी अब गहलोत को सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा. गहलोत शुरू से ही दावा करते रहे हैं कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है. यहां तक कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के बगावत कर देने के बावजूद भी वो गवर्नर से इस दावे के साथ मिले थे कि उनके पास बहुमत है. लेकिन ये तो तय था कि विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है.
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राजस्थान : कांग्रेस ने पेश किया विश्वास प्रस्ताव, हमने यहां गोवा-MP नहीं बनने दिया : शांति धारीवाल
- Friday August 14, 2020
राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) के बीच मची आंतरिक कलह का पटाक्षेप हो चुका है. बीते सोमवार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की थी. जिसके बाद वह एक बार फिर कांग्रेस के हाथ से हाथ मिलाते हुए नजर आए. राजस्थान में आज (शुक्रवार) से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो चुका है, यानी एक ओर गहलोत सरकार के एजेंडों में कई बिलों को पास कराना होगा, तो वहीं अविश्वास-विश्वास प्रस्ताव को लेकर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि वह सदन में विश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. दोपहर में सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के प्रमुख व्हिप महेश जोशी ने विश्वास प्रस्ताव को लेकर स्पीकर को नोटिस दिया. जिसके बाद गहलोत सरकार में कानून और संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि हमने यहां (राजस्थान) गोवा, एमपी नहीं बनने दिया.
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पायलट की "घर वापसी" से बढ़ी गहलोत की ताकत, राजस्थान सरकार ने हासिल किया विश्वास मत; 10 अहम बातें
- Friday August 14, 2020
Rajasthan Floor Test: करीब एक महीने तक चली सियासी खींचतान (Rajasthan Crisis) और बगावत के थमने के बाद राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आज बहुमत साबित कर दिया है. मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह के बाद विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion) पेश किया गया. शुक्रवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, "विधानसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है. इसमें राजस्थान के लोगों और कांग्रेस विधायकों की एकता की जीत होगी. यह सच की जीत होगी. सत्यमेव जयते."
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राजस्थान के सियासी संकट के बीच 6 प्वाइंट्स में जानिए- क्या है विश्वास और अविश्वास प्रस्ताव?
- Friday August 14, 2020
राजस्थान कांग्रेस में चली महीने भर की खींचतान के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार से शुरू हो रही विधानसभा के विशेष सत्र में भारतीय जनता पार्टी की चुनौती का सामना कर रहे हैं. बीजेपी ने गुरुवार को घोषणा की थी कि पार्टी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगी. यानी अब गहलोत को सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा. गहलोत शुरू से ही दावा करते रहे हैं कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है. यहां तक कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के बगावत कर देने के बावजूद भी वो गवर्नर से इस दावे के साथ मिले थे कि उनके पास बहुमत है. लेकिन ये तो तय था कि विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है.
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राजस्थान : कांग्रेस ने पेश किया विश्वास प्रस्ताव, हमने यहां गोवा-MP नहीं बनने दिया : शांति धारीवाल
- Friday August 14, 2020
राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) के बीच मची आंतरिक कलह का पटाक्षेप हो चुका है. बीते सोमवार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से मुलाकात की थी. जिसके बाद वह एक बार फिर कांग्रेस के हाथ से हाथ मिलाते हुए नजर आए. राजस्थान में आज (शुक्रवार) से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो चुका है, यानी एक ओर गहलोत सरकार के एजेंडों में कई बिलों को पास कराना होगा, तो वहीं अविश्वास-विश्वास प्रस्ताव को लेकर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि वह सदन में विश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. दोपहर में सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के प्रमुख व्हिप महेश जोशी ने विश्वास प्रस्ताव को लेकर स्पीकर को नोटिस दिया. जिसके बाद गहलोत सरकार में कानून और संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि हमने यहां (राजस्थान) गोवा, एमपी नहीं बनने दिया.
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