दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में 155 दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे खुला रखने की मंजूरी दी है. केजरीवाल सरकार ने रात्रिकालीन कारोबारी गतिविधियों के प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद फाइल को उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास निर्णय के लिए भेजा गया है. अब उपराज्यपाल तय करेंगे कि वह दिल्ली की निर्वाचित सरकार के इस कदम से सहमत हैं या अलग राय रखते हैं.
बयान के मुताबिक, दिल्ली में 155 दुकानों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुला रखने की मंजूरी देकर केजरीवाल सरकार अधिक रोजगार अवसर पैदा करने, कामगारों के हितों को सुरक्षित रखने और स्थानीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देने की मंशा रखती है.
दिल्ली सरकार ने कहा कि दिन के साथ रात में भी इन प्रतिष्ठानों के खुला रहने से दिल्ली के निवासियों की हर समय जरूरी सेवाओं एवं वस्तुओं तक पहुंच बनी रहेगी.
इस छूट के दायरे में रखे गए प्रतिष्ठानों को दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 की धारा 14, 15 एवं 16 से राहत दी गई है. इन धाराओं में रात्रि पाली के लिए कर्मचारियों को काम पर रखने और दुकानों के खुलने एवं बंद होने से संबंधित प्रावधान हैं.
68 साल में 269 प्रतिष्ठानों को अनुमति
साथ ही बयान में कहा गया है कि 1954 से 2022 तक 68 वर्षों में केवल 269 प्रतिष्ठानों को इस तरह की अनुमति दी गई थी. वहीं, वर्ष 2022 में 313 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 2023 में 55 आवेदन पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं.
फैसले का सीटीआई ने किया स्वागत
दिल्ली में व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Chamber of Trade and Industry) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे दिल्ली में नाइट शॉपिंग को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि दुकानें, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट आदि 24 घंटे खुलने से ना केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे. व्यापारियों की ये लंबे समय से यह मांग थी, जिसे दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि एनसीआर विशेषकर गुड़गांव में नाइट शॉपिंग का कल्चर बढ रहा था जिसके कारण दिल्ली के व्यापार को नुक़सान हो रहा था. इसके अलावा इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन एवं डिजिटल कर दिया गया है जिसके कारण व्यापारियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
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