सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार 400 से ज्यादा मामलों को लिस्ट नहीं किए जाने पर सीजेआई (CJI) यू यू ललित ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि ये चिंता का विषय है, यह एक गंभीर मुद्दा है. इस तरह से मामलों को सुनवाई के लिए रजिस्ट्री के द्वारा सूचीबद्ध नहीं करना न्याय मिलने पर रोक लगाना है. सीजेआई ने कहा कि उन सभी मामले के सूचीबद्ध नहीं किए जाने के पीछे की वजह क्या रही उसका पता लगाएंगे और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
चीफ जस्टिस ने कहा कि रजिस्ट्री का एक हिस्सा इन मामलों को लंबित रखा हुआ है. इन मामलों को लंबित रखने के पीछे की वजह की भी जानकारी नहीं है. 31 अक्टूबर से उन सभी मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.
दरअसल आज एक वकील द्वारा कहा गया कि उनका मामला 22 साल से सुनवाई के लिए लंबित है. उसके बाद CJI ने रजिस्ट्री के द्वारा लंबित मामलों को सुनवाई के लिए तारीख तय करते हुए मामलों की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किए जाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही.
जब से सीजेआई यूयू ललित ने पदभार संभाला है. वो उन पुराने लंबित मामलों को निपटाने में लगे हुए हैं, जिनकी लंबे समय से सुनवाई नहीं हुई है. उनके ही कार्यकाल में कई सालों के बाद संविधान पीठ में वर्षों से लंबित पड़े कई मामलों की सुनवाई हुई. आज भी सुप्रीम कोर्ट में लगभग 69 हज़ार से ज्यादा मामले सुनवाई के लिए लंबित हैं.
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