देश में सभी को न्याय मिलना चाहिए, फिर वह अमीर हो, गरीब हो या किसी भी धर्म से, इसके लिए जरूरी है कि अदालतों की पहुंच सभी तक हो. ऐसे में जिला अदालतों की भूमिका बढ़ जाती है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) का भी यही कहना है कि सभी लोगों को न्याय मिले इसके लिए जिला अदालतों को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है. एडीटीवी को दिये खास इंटरव्यू में डीवीई चंद्रचूड़ ने बताया कि कैसे देश की जिला अदालतों को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सुविधाओं में परेशानियों का जिक्र करते हुए, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ कहते हैं, "मुझे लगता है कि हमें जिला अदालतों को भी पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड करना होगा, जिसके प्रयास में हम जुटे हुए हैं. लोगों का पहला संपर्क जिला कोर्ट से ही होता है. आम नागरिकों को कोई भी समस्या आती है, तो सीधे सुप्रीम कोर्ट में उनका आना मुश्किल होता है, इसीलिए वह पहले जिला न्यायलय में जाते हैं."
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया, "मुझे लगता है कि हमें जिला अदालतों के जजों के साथ जुड़कर यह समझना होगा कि आखिर जिला न्यायपालिका में क्या परेशानियां हैं. जब हम जिला न्यायपालिका को मजबूत करेंगे, तब हम वास्तव में मजबूत होंगे. इसी मकसद से हमने जिला न्यायालयों से जुड़े हुए 220 से अधिक जजों का राष्ट्रीय सम्मेलन कच्छ में आयोजित किया था. इस सम्मेलन में हमने जजों की स्टोरी, उनके परिपेक्ष्य और उनके विचार सुने, ताकि हम उनके मुद्दों और उनकी परेशानियों को हल करने के लिए अपनी पॉलिसी मेकिंग बदल सकें और लोगों से जुड़ सकें."
उन्होंने बताया कि जिला अदालतों से भी काफी महिलाएं सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच रही हैं. इससे हमें जिला स्तर पर लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में पता चलता है. मेरा मानना है कि यह भारतीय समाज में सामाजिक बदलाव का एक संकेत है, जिस पर हमें गर्व होना चाहिए.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया, "हम लगातार जिला अदालतों को डिजिटलाइज्ड करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं. हमारे देश में हर किसी नागरिक के पास लेपटॉप है, स्मार्ट फोन है. लेकिन हमारा कर्त्तव्य है कि कोई भी व्यक्ति सुविधाओं के अभाव में न्याय से वंचित न रह जाए. इसलिए हमने देशभर में लगभग 18000 ई-सेवा केंद्र जिला अदालतों के परिसरों में खोले हैं. इनके जरिये वकीलों और वादियों को ई-फाइलिंग सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. सभी उच्च न्यायालयों और एक जिला न्यायालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कवर करते हुए, सभी न्यायालय परिसरों को कवर करने के लिए इसका विस्तार किया जा रहा है."
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