बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को RCB की खिताबी जश्न के दौरान मची भगदड़ की घटना कर्नाटक की सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं. वहीं अब इस पूरे मामले पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की आंखों में आंसू भी आए हैं. घटना के बारे में बात करते हुए वह भावुक हो गए लेकिन यह बात भी हैरान करने वाली है कि अभी तक कोई इतने बड़े हादसे की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. वहीं इस मामले पर गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई भी हुई है.
'दर्द बयां करना मुश्किल'
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि भगदड़ में जो मौतें हुई हैं, वह उस दर्द को बयां नहीं कर सकते हैं. यह स्टेडियम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों की संख्या में उमड़ा था. उन्होंने कहा कि 'वी ऑर सॉरी'. भगदड़ में मासूम लोगों की मौतों के बाद जश्न का माहौल मातम में बदल गया.
डीके शिवकुमार ने कहा, 'मैं जो दर्द सह रहा हूं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. पूरा राज्य देख रहा था. हमें बहुत दुख है.' शिवकुमार ने कहा कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं.
बुधवार को हजारों लोग अपने हीरो विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का स्वागत करने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े थे. RCB ने एक दिन पहले ही इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के रोमांचक फाइनल में पंजाब किंग्स को हराया था.
'किसको थी इतनी जल्दबाजी'
जब डिप्टी सीएम से पूछा गया कि जश्न की इतनी जल्दी क्यों थी? क्या सरकार जल्दबाजी में थी या फिर ऑर्गेनाइजर को इसकी जल्दी थी? इस पर डीके शिवकुमार ने कहा, 'मैं इस पूरे मामले पर किसी को भी दोष नहीं देना चाहता हूं और न ही किसी को जिम्मेदार बनाना चाहता हूं.' उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा कि वह सवालों से भागने वाले नहीं हैं और सबको सारे जवाब भी देंगे. डीके शिवकुमार ने कहा, 'हम इस मसले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं. जो हुआ है गलत हुआ है उसे सुधारना होगा. साथ ही हम सभी अपने परिवार का हिस्सा हैं. हम उनके साथ इस दुख में शामिल होंगे. इस मुद्दे पर मेरी कैबिनेट मीटिंग है.'
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ में सभी पीड़ित 40 वर्ष से कम उम्र के हैं. इनमें सबसे कम उम्र की मृतक एक 14 साल की बच्ची है. शिवकुमार की मानें तो उनके लिए लिए युवाओं का जीवन बहुत महत्वपूर्ण है. वहीं विपक्ष इस पूरे मामले में सरकार पर हमलावर है. विपक्ष की मानें तो पुलिस ने इस जश्न के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी.
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