गुरुग्राम के कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों से की जा रही ठगी के मामले में सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र पार्ट-2 के तहत 43 लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार 170 करोड़ से ज्यादा की ठगी विदेशी नागरिकों से की गई है. पकड़े गए आरोपियों को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया है. जांच में पता चला है कि ये लोग अलग-अलग देशों के लोगों को शिकार बनाकर उनसे ठगी करते थे और ठगी का पैसा हॉन्गकॉन्ग भेजा जाता था.
सीबीआई की इंटरनेशनल ऑपरेशन डिवीजन ने 22 जुलाई 2024 को डीएलएफ गुरुग्राम की एक कंपनी के खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की थी. ये जांच सीबीआई के ऑपरेशन चक्र पार्ट-2 के तहत साइबर फाइनेंशियल क्राइम नेटवर्क को खत्म करने के तहत की गई थी. जिसे 2022 से शुरू किया गया था.
7 जगह की छापेमारी
सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा समेत 7 लोकेशन पर छापेमारी की थी. जांच में पता लगा कि साइबर फाइनेंशियल क्राइम को डीएलएफ साइबर सिटी गुरुग्राम की कंपनी के जरिए कॉर्डिनेट किया जा रहा था. इस कंपनी का नाम इनोसेंट टेक्नोलॉजी (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड है.
छापेमारी के दौरान लाइव साइबर क्रिमिनल ऑपरेशन को इंटरसेप्ट किया गया और सबूत इकट्ठा किए गए. सीबीआई ने इस मामले में गुरुग्राम की कंपनी को मिलाकर और जगहों से 130 कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप और संदिग्ध कागजात, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन डिटेल्स, कॉल रिकार्डिंग्स, विक्टिम्स डिटेल्स, विक्टिम्स को टारगेट करने के लिए तैयार की गई ट्रांसक्रिप्ट बरामद की.
लोगों को टारगेट करते हुए आरोपी उनके फोन, लैपटॉप में पॉप अप्स भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराते थे और फिर उनके सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे. जांच में सामने आया अलग-अलग देशों से साइबर फाइनेंशियल क्राइम चेनेलाइज्ड करके हॉन्गकॉन्ग भेजे जाते थे. सीबीआई, एफबीआई और इंटरपोल के सहयोग से जांच को आगे बढ़ा रही है और अभी तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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