मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश के बुलढाणा जिले में एक राजकीय समारोह में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि उनके और राज्य के दो उपमुख्यमंत्रियों के बीच कोई गलतफहमी नहीं है और वे सभी एक अच्छी टीम के रूप में काम कर रहे हैं.
शिंदे ने कहा, ‘‘मेरी सरकार राज्य में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक समुदाय को वाजिब आरक्षण नहीं मिल जाता है.'' उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक पहले से क्रियान्वित सरकारी योजनाएं जारी रहेंगी और मराठा समुदाय के पात्र लोगों को इसका लाभ मिलेगा.'' राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में प्रदान किए गए आरक्षण को मई 2021 में उच्चतम न्यायालय ने अन्य आधारों के अलावा कुल आरक्षण का 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था.
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन शुक्रवार को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक हो गया, जिसमें दर्जनों पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल हुए. पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से रोक दिया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 360 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस कार्यक्रम में अनुपस्थित होने के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘‘अजित पवार ने मुझे सूचित किया कि वह अस्वस्थ हैं. वह बुखार से पीड़ित हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक सैन्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लद्दाख में हैं.'' उन्होंने कहा कि उन तीनों के बीच कोई गलतफहमी नहीं है और सभी एक अच्छी टीम के रूप में एक साथ हैं.
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