विज्ञापन
This Article is From Sep 07, 2019

डॉ. कुमार विश्वास ने यूं किया ISRO के वैज्ञानिकों को सलाम, लिखा- लो हमने बढ़कर खोल दिया...

डॉ. कुमार विश्वास ने पीएम मोदी द्वारा इसरो चेयरमैन को गले लगाते हुए वीडियो साझा किया. उन्होंने लिखा, 'इस समय यह भारत के प्रधानमंत्री या किसी दल के नेता का नहीं अपितु 125 करोड़ भारतीयों का कंधा है.

डॉ. कुमार विश्वास ने यूं किया ISRO के वैज्ञानिकों को सलाम, लिखा- लो हमने बढ़कर खोल दिया...
डॉ. कुमार विश्वास (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

चंद्रयान-2' के (Chandrayaan 2) लैंडर 'विक्रम'का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े एक वरिष्ठ इसरो अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 'विक्रम' लैंडर और उसमें मौजूद 'प्रज्ञान' रोवर को संभवत: खो दिया है.  इससे पहले लैंडर जब चंद्रमा की सतह के नजदीक जा रहा था तभी निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग से चंद मिनटों पहले उसका पृथ्वी स्थित नियंत्रण केंद्र से सपंर्क टूट गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अध्यक्ष के़ सिवन ने कहा, 'विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य तरीके से नीचे उतरा. इसके बाद लैंडर का धरती से संपर्क टूट गया. आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है.' 

‘चंद्रयान-2' के लैंडर ‘विक्रम' का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह इसरो सेंटर पहुंचे. यहां उन्होंने वैज्ञानिकों का न सिर्फ हौसला बढ़ाया बल्कि उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ हूं और पूरा देश आपके साथ है. पीएम मोदी जब बेंगलुरु के स्पेस सेंटर से बाहर निकल रहे थे तो इसरो अध्यक्ष के सिवन को उन्होंने गले लगा लिया और इस दौरान काफी भावुक हो गए. डॉ. कुमार विश्वास ने पीएम मोदी द्वारा इसरो चेयरमैन को गले लगाते हुए वीडियो साझा किया. उन्होंने लिखा, 'इस समय यह भारत के प्रधानमंत्री या किसी दल के नेता का नहीं अपितु 125 करोड़ भारतीयों का कंधा है, जिसकी आश्वस्ति पाकर भारत का विज्ञान जल्दी ही फिर चंद्रमा को छुएगा. इसरो के तपस्वियों आपकी मेहनत ज़िंदाबाद, आपकी प्रतिभा ज़िंदाबाद. देश के बेटों के साथ खड़े होने का आभार.'  

डॉ. कुमार विश्वास ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक कविता भी साझा की और इसके माध्यम से इसरो के वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की. हालांकि भारत के मून लैंडर विक्रम के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं हो, लेकिन 978 करोड़ रुपये लागत वाला चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है.  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है." एक साल मिशन अवधि वाला ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें लेकर इसरो को भेज सकता है. अधिकारी ने कहा कि ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भी लेकर भेज सकता है, जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है.  

इसरो प्रमुख को गले लगाकर भावुक हुए पीएम मोदी​

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com