विज्ञापन
This Article is From Nov 17, 2021

नासा के अंतरिक्षयान से टक्कर से बचने के लिए चंद्रयान-2 ने किया पूर्वाभ्यास : इसरो

संभावित टक्कर से पहले एक सप्ताह की अवधि में इसरो और जेपीएल/नासा दोनों ने विश्लेषण किया जिसमें देखा गया कि दोनों अंतरिक्षयान के बीच त्रिज्यीय दूरी (रेडियल सेपरेशन) 100 मीटर से भी कम थी.

नासा के अंतरिक्षयान से टक्कर से बचने के लिए चंद्रयान-2 ने किया पूर्वाभ्यास : इसरो
चंद्रयान-2 ने नासा के लूनर रीकानसन्स ऑर्बिटर के साथ टक्कर से बचने के लिए पूर्वाभ्यास किया था
बेंगलुरू:

भारत के चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान ने नासा के लूनर रीकानसन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) के साथ टक्कर से बचने के लिए पूर्वाभ्यास किया था. यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दी. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर (सीएच2ओ) और नासा के एलआरओ के इस साल 20 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट पर लूनर नॉर्थ पोल के पास बहुत करीब आने की आशंका थी. बेंगलुरू स्थित इसरो कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी. संभावित टक्कर से पहले एक सप्ताह की अवधि में इसरो और जेपीएल/नासा दोनों ने विश्लेषण किया जिसमें देखा गया कि दोनों अंतरिक्षयान के बीच त्रिज्यीय दूरी (रेडियल सेपरेशन) 100 मीटर से भी कम थी.

NASA ने शेयर किया अंतरिक्ष में बन रहे नए सितारे का अद्भुत नज़ारा, देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान - देखें Video

दोनों एजेंसियों को लगा कि ऐसी स्थिति में दोनों अंतरिक्षयानों के करीब आने के जोखिम को कम करने के लिए ‘टक्कर बचाव अभ्यास' (सीएएम) की जरूरत थी और परस्पर ऐसा करने की सहमति बनी. इसरो के मुताबिक 18 अक्टूबर को यह अभ्यास किया गया. पूर्वाभ्यास के बाद के आंकड़ों के साथ इस बात की पुष्टि की गई कि निकट भविष्य में एलआरओ के साथ आगे कोई टकराव की स्थिति नहीं बने. पृथ्वी की कक्षा में स्थित उपग्रहों में टकराव के जोखिम को कम करने के लिए सीएएम की प्रक्रिया सामान्य होती है.

चेन्नई में छात्रों के लिए प्रदर्शनी में इसरो ने चंद्रयान, मंगलयान मॉडल किए प्रदर्शित

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com