मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा का मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध का कारण बना हुआ है. यही वजह है कि सत्र के शुरुआत से लेकर अब तक एक भी दिन ऐसा नहीं है जब सदन की कार्यवाही स्थगित किए बगैर सदन चला हो. बुधवार को भी सदन में मणिपुर हिंसा को लेकर ही हंगामा होता रहा है. इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने अपना माइक बंद होने पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि ये मेरे स्वाभिमान की बात है. हम मणिपुर में जिस तरह की हिंसा चल रही है उसे लेकर सरकार से जवाब चाहते हैं. हम चाहते हैं कि देश के पीएम इस मुद्दे पर सदन में बयान दें.
मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान के बाद सदन में सत्ता पक्ष के सांसद मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. इसके बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई. जिसे देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया.
पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव
बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे लोकसभा में मंजूर भी कर लिया गया. स्पीकर ने कहा है कि इस पर सबसे बात करके समय तय करेंगे. दरअसल, मणिपुर को लेकर आज पांचवें दिन भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है. विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है. आज राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के सभी नोटिस खारिज करते हुए कहा कि नियम 176 के तहत चर्चा का प्रस्ताव पहले ही वो मंज़ूर कर चुके हैं. विपक्ष के भारी हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए रोकनी भी पड़ी.
कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
इससे पहले लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दो नोटिस दिए गए थे. एक नोटिस कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दिया जबकि दूसरा नोटिस 9 सांसदों वाली BRS के नमा नागेश्वर राव ने दिया था, हालांकि इस नोटिस के लिए 50 सांसदों का समर्थन ज़रूरी है और BRS विपक्षी मोर्चे में भी शामिल नहीं है. इस बीच कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी करके आज सदन में मौजूद रहने को कहा.
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