केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR), दोनों ही शनिवार को हैदराबाद में '17 सितंबर' के अलग-अलग कार्यक्रमों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराएंगे, जिससे तेलंगाना की राजनीति में '17 सितंबर' बेहद अहम दिन बनने जा रहा है.
दरअसल, केंद्र सरकार पहली बार 17 सितंबर को 'हैदराबाद स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाएगी. देश की आज़ादी के समय निज़ाम के राज वाला हैदराबाद राज्य इसी दिन आज़ादी के एक साल से भी ज़्यादा वक्त के बाद भारतीय संघ में शामिल हुआ था.
तेलंगाना सरकार ने इसे 'तेलंगाना एकता दिवस' के रूप में मनाने की योजना बनाई है, और तीन-दिवसीय कार्यक्रमों की घोषणा की है. यह KCR की ओर से काफी अहम संदेश है, जो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. वह और उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) केंद्र सरकार के कार्यक्रमों को संदेह की नज़र से देख रहे हैं, और कह रहे हैं कि ये BJP के 'बांटने वाले एजेंडा' का हिस्सा है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सिकंदराबाद में आर्मी परेड ग्राउंड में केंद्र के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र दो पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और महारा,्ट्र को भेजे गए हैं, जहां BJP सत्ता में है. बसवराज बोम्मई और एकनाथ शिंदे, दोनों ही इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इन दोनों राज्यों में भी कुछ हिस्सा पूर्व में हैदराबाद कहे जाने वाले राज्य से आया था.
गृहमंत्री अपनी एक-दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार रात ही हैदराबाद पहुंचेंगे. BJP नेता याद दिला रहे हैं कि 1948 में जब हैदराबाद हिन्दुस्तान में शामिल हुआ था, तब भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
अमित शाह एक अन्य कार्यक्रम में भी भाग लेंगे, जिसे 'सेवा कार्यक्रम' नाम दिया गया है, और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया गया है.
आज़ादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के तहत ही BJP ने 'हैदराबाद की आज़ादी' के वर्षभर चलने वाले समारोहों को जोड़ दिया है.
कार्यक्रम में तेलंगाना के CM KCR को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन उनके अन्य कार्यक्रम तय हैं. वह राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए अपनी ही सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत के लिए पब्लिक गार्डन्स में मौजूद रहेंगे.
केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाने से प्रतिस्पर्द्धात्मक राजनीति नए स्तर पर पहुंच गई है. कार्यक्रमों के दौरान दोनों ही नेता - अमित शाह तथा KCR - जनसभाओं को बी संबोधित करेंगे.
AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र तथा राज्य सरकार को खत लिखकर इस दिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाने का आग्रह किया है. हैदराबाद के सांसद ओवैसी राष्ट्रीय ध्वज फहराकर 'तिरंगा बाइक रैली' को रवाना करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह शनिवार को किसी समारोह में शिरकत करेंगे, ओवैसी ने कहा, "सिर्फ उसी स्थिति में, जब वह इसे 'राष्ट्रीय एकता दिवस' कहकर पुकारेंगे..."
AIMIM ने आज तक यह दिवस क्यों नहीं मनाया, यह पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, "केंद्र सरकार से भी यही सवाल पूछा जाना चाहिए..." ओवैसी ने कहा कि पूर्व हैदराबाद राज्य में हिन्दू और मुसलमान, दोनों ही 'लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष भारतीय गणराज्य' में शामिल होना चाहते थे.
KCR की पार्टी सवाल करती है कि BJP 9 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ के भारत में विलय का जश्न क्यों नहीं मनाती है, और सिर्फ हैदराबाद पर ही ध्यान केंद्रित करती है.
तेलंगाना में BJP राजनीतिक रूप से आक्रामक रही है. वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी ने सिर्फ एक विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन इसके बाद वह तीन उपचुनाव और हैदराबाद में स्थानीय निकाय चुनाव जीत चुकी है. पार्टी को तेलंगाना में बढ़ने का बड़ा मौका दिखाई देता है, क्योंकि कमज़ोर हो चुकी कांग्रेस अब TRS को चुनौती देने लायक नहीं रही है.
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