नई दिल्ली:
नक्सल हिंसा से प्रभावित राज्यों के आला प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की केंद्र ने सोमवार को बैठक बुलाई है। बैठक में नक्सल रोधी अभियानों की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति भी बनाई जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक हिस्सा लेंगे। बैठक की अध्यक्षता गृह सचिव आरके सिंह करेंगे।
बैठक में नक्सल हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों की समीक्षा होगी तथा विकास कार्यों की गति तेज करने के उपायों पर चर्चा होगी। माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में मोबाइल फोन टावर लगाना भी बैठक के एजेंडा में शामिल एक मुद्दा है। माओवादी अक्सर संचार नेटवर्क और सड़कों को ही निशाना बनाते हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पहले यह बैठक 20 फरवरी को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे 4 मार्च के लिए तय किया गया है। राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों के बीच समन्वय भी बैठक का मुद्दा होगा। नक्सल हमला करने के बाद आम तौर पर एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाते हैं और सुरक्षा एवं पुलिस बलों को उन्हें खोजना काफी मुश्किल भरा हो जाता है। राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय से इस समस्या से निपटा जा सकता है। इसे लेकर ही विभिन्न उपायों पर चर्चा की जाएगी। नक्सल हिंसा उक्त राज्यों के 64 जिलों में है और 270 थाना क्षेत्र इस हिंसा से प्रभावित हैं। पिछले छह महीने में नक्सल हिंसा में 170 लोग मारे गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक हिस्सा लेंगे। बैठक की अध्यक्षता गृह सचिव आरके सिंह करेंगे।
बैठक में नक्सल हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों की समीक्षा होगी तथा विकास कार्यों की गति तेज करने के उपायों पर चर्चा होगी। माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में मोबाइल फोन टावर लगाना भी बैठक के एजेंडा में शामिल एक मुद्दा है। माओवादी अक्सर संचार नेटवर्क और सड़कों को ही निशाना बनाते हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पहले यह बैठक 20 फरवरी को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे 4 मार्च के लिए तय किया गया है। राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों के बीच समन्वय भी बैठक का मुद्दा होगा। नक्सल हमला करने के बाद आम तौर पर एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाते हैं और सुरक्षा एवं पुलिस बलों को उन्हें खोजना काफी मुश्किल भरा हो जाता है। राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय से इस समस्या से निपटा जा सकता है। इसे लेकर ही विभिन्न उपायों पर चर्चा की जाएगी। नक्सल हिंसा उक्त राज्यों के 64 जिलों में है और 270 थाना क्षेत्र इस हिंसा से प्रभावित हैं। पिछले छह महीने में नक्सल हिंसा में 170 लोग मारे गए हैं।
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