केंद्रीय गृसचिव राजीव महर्षि.
नई दिल्ली:
गुरमीत राम रहीम पर फैसले के बाद हुई हिंसा में बेशक 38 लोग मारे गए हों लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा पुलिस को क्लीनचिट दे दी है. एनडीटीवी इंडिया से इक्स्क्लूसिव बातचीत करते हुए केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि सिचूएशन इतनी ख़राब थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने वो सब किया जिससे स्थिति ज़्यादा ख़राब ना हो. उन्होंने कहा, "ये वक्त चूक का नहीं है. दिल्ली में बैठकर हरियाणा की कानून व्यवस्था का आकलन करना ठीक नहीं है. कानून व्यवस्था के हालात जब बिगड़ते हैं तो कोई उसका अंदाजा नहीं लगा सकता. हिंसा इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी इस बात का किसी को भी इसका अंदाजा नहीं था."
गृह सचिव ने केंद्र को भी क्लीनचिट दे दी और कहा कि आकलन में भी कोई ग़लती नहीं हुई "जो ग्राउंड में अफ़सर थे ला एंड ऑर्डर पर निर्णय ले रहे थे हम तो सिर्फ़ सहायता दे रहे थे," उन्होंने बताया.
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केंद्रीय गृह सचिव अपना कार्यकाल गुरुवार यानी अगस्त 31 को पूरा कर रहे हैं. जब पूछा कि क्या वो जम्मू कश्मीर के अगले गवर्नर होंगे तो उन्होंने साफ़ कहा कि जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा ने इस्तीफ़ा नहीं दिया है. "मैं कश्मीर नहीं सीधा जयपुर जाऊंगा क्योंकि मैं अपने माता-पिता के साथ समय बिताना चाहूँगा."
वैसे उनके कार्यकाल में मंत्रालय ने अपने काम करने के ढंग और फ़ैसलों के कारण काफ़ी सुर्ख़ियाँ बटोरी हैं. सबसे ताज़ा मामला अनुच्छेद 35-A का है. केन्द्रीय गृह सचिव के मुताबिक़ केंद्र की सोच इस मामले में साफ़ है. गृह सचिव ने कहा, "जो संवैधानिक प्रक्रिया है उस पर सुप्रीम कोर्ट को फ़ैसला लेना है कि क्या करना है. अटार्नी जनरल भारतीय संविधान के तहत 370 की जो व्याख्या है वही देंगे." उनके मुताबिक़ इस अनुच्छेद से जुड़े 5-6 मामले सप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं. इसके अलावा चीन के साथ हो रहे बार बार टकराव को लेकर भी मंत्रालय सुर्ख़ियों में रहा. केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक़ "इस तरह के स्टैंड ऑफ़ होते रहते हैं. डोकलाम में भी जो हुआ कुछ अलग नहीं था."
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हालाँकि लद्दाख़ में जिस तरह चीन और भारत के सुरक्षा बलों में तनातनी हो गई थी उस पर उन्होंने कुछ ज़्यादा नहीं बोला. "मैं एक वीडीओ के सहारे अपनी राय नहीं बना सकता ये ITBP का अंदरूनी मामला है वो ही आकलन कर रहे है." कश्मीर को लेकर भी मंत्रालय चर्चा में रहा लेकिन गृह सचिव का मानना है कि हिंसा का स्तर घाटी में पिछले दिनों कम हुआ है. "घाटी में स्थिति पहले के मुक़ाबले बेहतर हुई है. हमने फ़ंडिंग से लेकर बढ़ते हुए अलगाववाद पर रोक लगाई और नतीजा सामने है. ना सिर्फ़ पथर फेंकने की बल्कि आतंकी वारदातें भी कम हुई हैं."
राजीव महर्षि ने ये बात भी साफ़ कर दिया कि केंद्र सरकार किसी तरह की सहूलियत और न ही हाई सुरक्षा किसी अलगाववादी नेता को देती है. "हम तो नहीं देते अगर राज्य सरकार देती है तो उससे पूछा जाना चाहिए कि वो किस आधार पर देती है." उन्होंने कहा, "हां एक बार गिलानी साहब बीमार थे तो उनका इलाज AIIMS में करवाया गया था."
VIDEO: राजीव महर्षि से खास बातचीत
भगवा आतंक पर भी महर्षि ने खुल कर बोला. कहा कि किसी धर्म के अगर 20 लोग गिरफ़्तार हो जाएं तो धर्म को जिम्मेदार नहीं कह सकते. उन्होंने कहा, "आतंक आतंक होता है उसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए."
गृह सचिव ने केंद्र को भी क्लीनचिट दे दी और कहा कि आकलन में भी कोई ग़लती नहीं हुई "जो ग्राउंड में अफ़सर थे ला एंड ऑर्डर पर निर्णय ले रहे थे हम तो सिर्फ़ सहायता दे रहे थे," उन्होंने बताया.
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केंद्रीय गृह सचिव अपना कार्यकाल गुरुवार यानी अगस्त 31 को पूरा कर रहे हैं. जब पूछा कि क्या वो जम्मू कश्मीर के अगले गवर्नर होंगे तो उन्होंने साफ़ कहा कि जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा ने इस्तीफ़ा नहीं दिया है. "मैं कश्मीर नहीं सीधा जयपुर जाऊंगा क्योंकि मैं अपने माता-पिता के साथ समय बिताना चाहूँगा."
वैसे उनके कार्यकाल में मंत्रालय ने अपने काम करने के ढंग और फ़ैसलों के कारण काफ़ी सुर्ख़ियाँ बटोरी हैं. सबसे ताज़ा मामला अनुच्छेद 35-A का है. केन्द्रीय गृह सचिव के मुताबिक़ केंद्र की सोच इस मामले में साफ़ है. गृह सचिव ने कहा, "जो संवैधानिक प्रक्रिया है उस पर सुप्रीम कोर्ट को फ़ैसला लेना है कि क्या करना है. अटार्नी जनरल भारतीय संविधान के तहत 370 की जो व्याख्या है वही देंगे." उनके मुताबिक़ इस अनुच्छेद से जुड़े 5-6 मामले सप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं. इसके अलावा चीन के साथ हो रहे बार बार टकराव को लेकर भी मंत्रालय सुर्ख़ियों में रहा. केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक़ "इस तरह के स्टैंड ऑफ़ होते रहते हैं. डोकलाम में भी जो हुआ कुछ अलग नहीं था."
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हालाँकि लद्दाख़ में जिस तरह चीन और भारत के सुरक्षा बलों में तनातनी हो गई थी उस पर उन्होंने कुछ ज़्यादा नहीं बोला. "मैं एक वीडीओ के सहारे अपनी राय नहीं बना सकता ये ITBP का अंदरूनी मामला है वो ही आकलन कर रहे है." कश्मीर को लेकर भी मंत्रालय चर्चा में रहा लेकिन गृह सचिव का मानना है कि हिंसा का स्तर घाटी में पिछले दिनों कम हुआ है. "घाटी में स्थिति पहले के मुक़ाबले बेहतर हुई है. हमने फ़ंडिंग से लेकर बढ़ते हुए अलगाववाद पर रोक लगाई और नतीजा सामने है. ना सिर्फ़ पथर फेंकने की बल्कि आतंकी वारदातें भी कम हुई हैं."
राजीव महर्षि ने ये बात भी साफ़ कर दिया कि केंद्र सरकार किसी तरह की सहूलियत और न ही हाई सुरक्षा किसी अलगाववादी नेता को देती है. "हम तो नहीं देते अगर राज्य सरकार देती है तो उससे पूछा जाना चाहिए कि वो किस आधार पर देती है." उन्होंने कहा, "हां एक बार गिलानी साहब बीमार थे तो उनका इलाज AIIMS में करवाया गया था."
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भगवा आतंक पर भी महर्षि ने खुल कर बोला. कहा कि किसी धर्म के अगर 20 लोग गिरफ़्तार हो जाएं तो धर्म को जिम्मेदार नहीं कह सकते. उन्होंने कहा, "आतंक आतंक होता है उसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए."
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