देश में और खासकर दिल्ली में गहराते ऑक्सीजन संकट को लेकर हाईकोर्ट में आज जोरदार बहस देखने को मिली. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने राजधानी के हालात चिंताजनक बताते हुए अपने कोटे के ऑक्सीनव की मांग करते हुए कहा कि अगर हमें हमारे कोटे की ऑक्सीजन नहीं मिली तो सिस्टम कोलैप्स कर जाएगा. वहीं केंद्र ने बताया कि सारे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऑक्सीजन सप्लाई को बढ़ाने के लिए टैंकरों की व्यवस्था खुद से कर रहे हैं जबकि दिल्ली, केंद्र के आसरे पर बैठा है. केंद्र और दिल्ली के बीच जमकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर चला, एक बारगी तो ऐसा माहौल भी बना जब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता नाराज होते हुए दिल्ली सरकार के वकील से यह तक कह दिया कि अब बस बहुत हो गया आप चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो चलिए बिंदुवार तरीके से समझते हैं कि कोर्ट के अंदर क्या कुछ हुआ.
- दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई में नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि 'हम कई दिनों से सुनवाई कर रहे हैं. रोजाना एक ही तरह की बात सुनाई दे रही है. अखबारों और चैनलों में बताया जा रहा है कि हालात गंभीर हैं.' हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वो बताए कि दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी और कैसे आएगी?
- दिल्ली सरकार ने बताया कि दिल्ली को कल सिर्फ 296 MT ऑक्सीजन मिली, जो 480 MT के ऑवंटन से काफी कम है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ' हमें हमारे कोटे की 480MT ऑक्सीजन दिलाई जाए. वरना अगले 24 घंटे में सिस्टम कोलेस्प हो जाएगा. हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है. हर मिनट जान जा रही हैं.'
- केंद्र सरकार ने दिल्ली के स्थानीय स्तर पर कमी का हवाला दिया. केंद्र ने बताया कि दिल्ली के पास करीब 600 MT ऑक्सीजन है. जो या तो अस्पतालों के पास है या आपूर्तिकर्ता के पास है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ करनी होगी. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि कल सिर्फ 309 एमटी ऑक्सीजन मिली. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार टैंकर आदि की व्यवस्था नहीं कर रही है, हमने रुडकी में बात की तो उनका कहना है कि ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन दिल्ली सप्लाई लेने नहीं आया है. सब राज्य और यूटी खुद रेलवे या टैंकरों की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में सब कुछ केंद्र को ही करना पड़ रहा है.
- हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि दिल्ली को 480 एमटी ऑक्सीजन कब मिलेगा. ये ही सबसे बड़ी समस्या है. जबतक ऑक्सीजन दिल्ली नहीं पहुंचेगी तब तक यह दिक्कत रहेगी.
- इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि केंद्र और राज्य खुद ही टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं. जबतक ऑक्सीजन दिल्ली नहीं पहुंचेगी तब तक यह दिक्कत रहेगी. इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि केंद्र और राज्य खुद ही टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं. नाइट्रोजन और ऑर्गन को ऑक्सीजन टैंकर में तब्दील किया जा रहा है.
- हाईकोर्ट ने कहा कि लेकिन जिन राज्यों में तरह इडस्ट्री नहीं है, वह टैंकरों का इंतजाम कहां से करेंगे. केंद्र ने कहा कि रेलवे लखनऊ तक ऑक्सीजन लाई है और दिल्ली लाने को भी तैयार है लेकिन अभी तक की जानकारी के मुताबिक दिल्ली ने कोई रिक्वेस्ट ही नहीं की है.
- हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के चीफ सेकेट्री को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने रुडकी और अन्य जगह टैंकर क्यों नहीं भेजे, आप इस बारे में केंद्रीय अफसरों से बात क्यों नहीं करते हैं. हम यहां आपके और केंद्र के अफसरों के बीच मध्यस्थता करने के लिए नहीं बैठे हैं. जब ऑक्सीजन है तो आप लाने की व्यवस्था करें.
- हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आपने टैंकरों के लिए क्या किया, दिल्ली में टैंकर नहीं मिलेंगे, आपको बाहर जाना होगा.
- दिल्ली सरकार ने कहा कि हम केंद्र व अन्य से संपर्क कर रहे हैं.
- हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा ये क्या है ? आपको पता है कि दिल्ली में कौन से प्लांट हैं, क्या आपने टैंकरों के लिए कोई प्रयास किया ?
- इस पर केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार को सप्लायरों के साथ बात करनी चाहिए, कल प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि अन्य गैसों के कंटेनरों को ऑक्सीजन के लिए इस्तेमाल किया जाए.
- हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अगर ये चाहती है कि प्लांट ही आपको ऑक्सीजन भेजे तो हम कुछ नहीं कर सकते हैं. आप टैंकरों की व्यवस्था करने का प्रयास कीजिए.
- हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी कहा कि आप भी दिल्ली सरकार के औपचारिक आग्रह का इंतजार मत कीजिए. जिन प्लांट पर ऑक्सीजन है वहां से दिल्ली के लिए व्यवस्था कीजिए.
- केंद्र सरकार ने कहा कि अभी तक दिल्ली के अलावा देश के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह की दिक्कत नहीं आई है. सब खुद परिवहन की व्यवस्था कर रहे हैं. दिल्ली में भीतर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए.
- हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि हमने IIT की रिसर्च पढ़ी है कि मई में कोराना की सुनामी आएगी, इससे निपटने के लिए क्या तैयारी है. अभी मेडिकल व्यवस्था खस्ताहाल है. बेड, दवा, ऑक्सीजन, डॉक्टर, नर्स सबकी कमी हैं. सरकार का क्या अनुमान है, क्या इसके लिए तैयारी है. कम से कम कोराना से होने वाली मौतों को कम करने का प्रयास किया जाना चाहिए.
- इसके जवाब में केंद्र ने कहा हम सुनिश्चित करेंगे कि देश में ऑक्सीजन के अभाव में किसी की मौत न हो
- हाईकोर्ट ने कहा अभी बताया गया है कि जयपुर गोल्डन में 21 लोगों की मौत हुई.
- केंद्र ने कहा कि देखना पड़ेगा कि मौत के पीछे क्या कारण है.
- केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है हम प्रार्थना करते हैं कि यह सच ना हो, कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हो सकती है, हमें बदतर के लिए तैयार रहना होगा.
- हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को यह व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर करनी चाहिए. कोर्ट इन मुद्दों पर नहीं जाना चाहता है, बाकी राज्य भी ये इंतजाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को ये व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर करनी चाहिए. कोर्ट इन मुद्दों पर नहीं जाना चाहता है. बाकी राज्य भी ये इंतजाम कर रहे हैं.
- हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वह बताए कि दुर्गापुर आदि से सप्लाई कब आएगी. आखिरकार ये लोग हैं जो सफर कर रहे हैं.
- होईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र और दिल्ली को मिलकर काम करना होगा. अगर किसी राज्य में जरूरत कम है तो दिल्ली को ऑक्सीजन दे दी जाए. केंद्र का यही काम होना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हमें एक बार फिर कोविड के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी की अर्जी मिली है. बत्रा, सरोज अस्पताल पहले ही याचिका दाखिल कर चुके हैं. जयपुर गोल्डन अस्पताल भी पहुंचा है. हमने केंद्र, दिल्ली और अन्य वकीलों की दलीलें सुनी हैं.
- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली के लिए तीन आवंटित प्लांट्स से सप्लाई के लिए टैंकर उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कदम उठाने के लिए विचार किया जाएगा. दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इसके लिए पूरी तरह से केंद्र के भरोसे नहीं रहेगी. उसे भी इसके लिए प्रयास करना होगा.
- दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सभी ऑक्सीजन सप्लायर्स दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन की सप्लाई की सारी जानकारी मुहैया कराएंगे.
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