बाल तस्करी के मामले में पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस टकराव पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच लड़ाई के कारण गरीब लड़कियां पीड़ित नहीं हो सकतीं. हम पश्चिम बंगाल को लेकर परेशान नहीं हैं, हम गरीब लड़कियों के बारे में परेशान हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो वैधानिक निकायों के बीच लड़ाई है. आप दोनों गरीब बच्चों के फायदे के लिए किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकते.
पश्चिम बंगाल बाल अधिकार आयोग के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इस मामले में केंद्र और राज्य के आयोगों के बीच टकराव है कि कार्रवाई कौन करे.
राष्ट्रीय आयोग ने पश्चिम बंगाल में बाल तस्करी मामले में कार्रवाई की थी और पश्चिम बंगाल के पुलिस अफसर राजेश कुमार को तलब किया था. लेकिन राज्य आयोग ने कहा कि वह इस मुद्दे को देख रहा है और राष्ट्रीय आयोग इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
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चूंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले पर बहस करने के लिए नहीं थे इसलिए मामले में सुनवाई कल होगी. राष्ट्रीय आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने से रोकने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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