कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल के मंत्री मदन मित्रा को 16 दिसंबर तक चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। मित्रा को सारदा घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
मित्रा को अलीपुर के सीजेएम (प्रभारी) किंगशुक साधुखान की अदालत में आज पेश किया गया, जिन्होने उन्हें चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, जांच एजेंसी ने सात दिन के लिए उनकी हिरासत की मांग की थी।
मित्रा के वकील अशोक मुखर्जी ने कहा कि मित्रा पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल में एक वरिष्ठ मंत्री थे और किसी भी सीबीआई जांच से भयभीत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मित्रा को एक सह आरोपी के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है, जबकि सारदा घोटाले में उनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं था।
जमानत की मांग करते हुए मुखर्जी ने कहा कि मंत्री का इलाज चल रहा था और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने खुद सीबीआई से संपर्क किया, लेकिन बिना किसी कारण ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
वहीं मित्रा ने अदालत से कहा कि उन्हें सीबीआई से उसके समक्ष पेश होने के लिए 17 अक्तूबर को पत्र मिला था और उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया था। शुक्रवार को जब वह सीबीआई कार्यालय गए तो सबकुछ ठीक था और उन्हें एक अधिकारी ने शाम साढ़े चार बजे एक कप चाय दी। उसने यह भी कहा कि उन्हें जल्द ही परिसर से जाने दिया जाएगा। हालांकि, कुछ समय बाद कोई दूसरा व्यक्ति उनके पास आया और उनसे कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, क्योंकि दिल्ली से आदेश आया है।
मित्रा ने अदालत से कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण था।' हालांकि अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि जांच के मकसद से मित्रा के हिरासत की जरूरत है।
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