एयरलाइन सूत्रों के अनुसार, केबिन क्रू की कमी एयर इंडिया की लंबी दूरी की उड़ानों को प्रभावित कर रही है. टाटा के स्वामित्व वाले कैरियर ने सैन फ्रांसिस्को और वैंकूवर के लिए कुछ विमानों को या तो रिशेड्यूल किया या रद्द करने का फैसला किया.
सूत्रों ने कहा कि केबिन क्रू की कमी के कारण एयरलाइन या तो फ्लाइट के उड़ान में देरी कर रही है या अपनी कुछ लंबी दूरी की उड़ानों को रद्द कर रही है. इस स्थिति में यात्रियों को ठंड के मौसम में यात्रा करने में असुविधा हो रही है.
आम तौर पर, अल्ट्रा लॉन्ग हॉल उड़ानें वे होती हैं जिनकी अवधि 16 घंटे से अधिक होती है. एयर इंडिया ने 9 दिसंबर को एक इंटरनल सर्कुलर में कहा, "एयर इंडिया की उड़ानें एआई-183/एआई184 (दिल्ली-एसएफओ-दिल्ली) 10 दिसंबर और 13 दिसंबर के लिए रद्द कर दी गई हैं."
एक और इंटरनल सर्कुलर में, एयरलाइन ने कहा कि "केबिन क्रू की कमी के कारण इसकी उड़ानें - AI101 और AI 102 (दिल्ली-न्यूयॉर्क-दिल्ली) के साथ-साथ AI 185/AI186 (दिल्ली-वैंकूवर-दिल्ली) को रिशेड्यूल किया जा रहा है."
एयरलाइन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. एयर इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि केबिन क्रू के लिए एयरपोर्ट एंट्री पास की दिक्कतों की वजह से नॉर्थ अमेरिका जाने वाली उसकी कुछ फ्लाइट्स में देरी हो रही है.
अमेरिकी वीजा के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि के बीच, एयरलाइन को लंबी दूरी की उड़ानों के लिए केबिन क्रू और वरिष्ठ पायलटों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. केबिन क्रू संकट के मद्देनजर, एयर इंडिया ने हाल ही में अपने केबिन क्रू को एक विकल्प दिया था, जिन्होंने अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को 31 जनवरी, 2023 तक सेवाओं से अपनी रिलीज की तारीख बढ़ाने के लिए चुना था.
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