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This Article is From Mar 16, 2024

असदुद्दीन ओवैसी नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट , CAA पर रोक लगाने की मांग की

ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीएए द्वारा उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है.

असदुद्दीन ओवैसी नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट , CAA पर रोक लगाने की मांग की
CAA का NRC के साथ अपवित्र गठजोड़- ओवैसी
नई दिल्‍ली:

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के मुद्दे पर एआईएमआईएम के प्रमुख  सदुद्दीन ओवैसी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने NRC का भी मुद्दा उठाया है. ओवैसी ने कोर्ट में दायर याचिका में अपील की है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाए. औवेसी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि CAA का NRC के साथ अपवित्र गठजोड़ है. NRC के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की योजना है. CAA के बाद NRC आ रहा है.  

ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीएए द्वारा उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है.

सीएए को अधिसूचित किये जाने के बाद ओवैसी ने कहा था कि धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता और इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय भी हैं. उन्‍होंने कहा, "...यह समानता के अधिकार के खिलाफ है. आप प्रत्येक धर्म के लोगों को (नागरिकता की) अनुमति दे रहे हैं, लेकिन इस्लाम धर्म के लोगों को यह नहीं दे रहे हैं."

ओवैसी ने दावा किया कि सीएए को राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ जोड़ कर देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह सरकार चार साल बाद (सीएए के) नियम बना रही। मैं देश को यह बताना चाहता हूं. मौजूदा गृह मंत्री (अमित शाह) ने संसद में मेरा नाम लेते हुए कहा था कि एनपीआर आएगा, एनआरसी भी आएगा. उन्होंने टेलीविजन पर साक्षात्कार में कई बार यह कहा है." ओवैसी ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि केवल सीएए को ही मत देखिए. आपको इसे एनपीआर और एनआरसी के साथ देखना होगा. जब वह होगा, तब बेशक निशाने पर मुख्य रूप से मुसलमान, दलित, आदिवासी और गरीब होंगे."

केंद्र ने सोमवार को सीएए,2019 को लागू किया और इसके नियमों को अधिसूचित किया. यह कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से भारत आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है.

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