दिल्ली नगर निगम (MCD) में एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल से सवाल पूछा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल से पूछा कि आखिर किस अथॉरिटी के तहत एल्डरमैन की नियुक्ति की गई? क्या ऐसा करने के लिए मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह जरूरी नहीं थी? सुप्रीम कोर्ट ने एलीज को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी. सोमवार को हुई सुनवाई में LG की तरफ से ASG संजय जैन कोर्ट में पेश हुए. बता दें कि MCD में 10 सदस्यों के नामांकन को चुनौती देने वाली AAP सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कही.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजय जैन ने कहा कि हम इस मामले में एक हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं. हमारे पास 2018 के SC के फैसले द्वारा दी गई शक्ति है. उन्होंने कहा कि इस प्रभाव के लिए जीएनसीटीडी अधिनियम में एक संशोधन भी किया गया था.वह संशोधन भी इस न्यायालय के समक्ष चुनौती के अधीन है.
वहीं, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस तरह से एल्डरमैन की नियुक्ति करना लोकतंत्र का अपमान है.एक पार्टी बहुमत से जीत कर आती है और उसे पलटने की कोशिश हो रही है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि पहली बार LG ने MCD में एल्डरमैन अपनी मर्जी से नियुक्त किए है. खास बात ये है कि इससे पहले अब तक दिल्ली सरकार एल्डरमैन का चयन करती थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एल्डरमैन की नियुक्ति रद्द करने की मांग की.
वीडियो : MCD में LG द्वारा मनोनीत पार्षद नियुक्त करने के फैसले को 'आप' सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं