
- जीएसटी परिषद ने हवाई टिकटों पर कर दर में बदलाव करते हुए गैर-इकनॉमी श्रेणी के टिकटों पर कर बढ़ाया है.
- अब बिजनेस, फर्स्ट और प्रीमियम श्रेणी के फ्लाइट टिकटों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत हो गई है जो पहले 12 प्रतिशत थी.
- इकनॉमी श्रेणी के हवाई टिकटों पर पांच प्रतिशत जीएसटी पहले की तरह ही लागू रहेगा, जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
GST on Flight Ticket: जरूरतें सस्ती, शौम महंगे... GST रिफॉर्म का निचोड़ इस 4 शब्दों में बयां हो जाता है. रोजमर्रा की जरूरत वाली सामाने तो सस्ती हो गई है लेकिन शौक महंगे हो गए है. पान-मसाला, सिगरेट, सिगार, प्राइवेट जेट, याच, रिवॉल्वर, पिस्टल, 350 सीसी से अधिक की बाइक के साथ-साथ बिजनेस क्लास और प्रीमियम श्रेणी की फ्लाइट भी महंगी हो गई है. इसका मतलब है कि अब विमान यात्रियों को अब बिजनेस, फर्स्ट और प्रीमियम श्रेणी के टिकटों के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी, क्योंकि इन पर GST की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है.
GST परिषद ने बुधवार को हवाई टिकटों पर लगने वाले कर की दरों में बदलाव करने का फैसला किया. इकनॉमी श्रेणी के टिकटों पर पहले की ही तरह 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि गैर-इकनॉमी श्रेणियों के टिकट पर 12 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत कर लगेगा.
यात्रा बुकिंग फर्म कॉक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा कि यह बदलाव एयरलाइंस को प्रीमियम विमान सेवाएं अधिक मूल्य-आधारित बनाने का अवसर देता है.
एयरलाइन कंपनियों के वैश्विक संगठन आईएटीए के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उपाध्यक्ष शेल्डन हेई ने कहा कि गैर-इकनॉमी हवाई यात्रा पर कर अब 2017 के 8.6 प्रतिशत सेवा कर से बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि निराशाजनक है
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