वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार पुरानी परंपरा को बदलते हुए बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में रखने के बजाए एक लाल रंग के कपड़े में रखा है जिस पर 'अशोक चिन्ह' बना हुआ था. अब वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि लाल रंग के बस्ते को उनकी मामी ने उन्हें बनाकर दिया था. सीतारमण ने कहा, ‘‘सूटकेस, ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता. यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. हमें यह पसंद नहीं. फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का बस्ता बनाकर दिया. उन्होंने पूजा अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया. यह घर का थैला नहीं लगे इसलिये सरकारी पहचान देने के लिये उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया''.
लाल रंग के कपड़े में बजट, मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन ने कहा- यह बही-खाता है
उन्होंने कहा भारत में हर क्षेत्र में अपनी परंपरायें हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हो या घर, दुकान के नये बहीखातों की शुरुआत का मौका, उसका लाल कवर होता है, लाल कपड़े में लपेटा जाता है और उस पर कुमकुम, हल्दी, चंदन लगाकर अथवा शुभ लाभ लिखकर शुरुआत की जाती है. ‘‘मैं यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही, लेकिन मुझे घर में कहा गया कि यह गिर सकता है, दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं तब मामी ने लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया. उन्होंने उसे खुद उसे हाथ से सिला. बस्ते को बहीखाता नाम किसने दिया, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह नाम उन्होंने नहीं दिया, यह नाम जनता से ही कहीं से आया. (इनपुट-भाषा)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हाथ में नहीं दिखा बजट ब्रीफकेस
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