- नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र में फेरी वाले मोहम्मद अतहर हुसैन की नशे में धुत युवकों ने बर्बर पिटाई की थी.
- अतहर को डुमरी गांव के पास 15 से 20 लोगों ने घंटों तक पीटा और पेट्रोल छिड़ककर गंभीर रूप से घायल किया था.
- घायल अतहर को नवादा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में बेहतर इलाज के लिए बिहारशरीफ रेफर किया गया था.
बिहार के नवादा जिले के रोह थाना इलाके में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. इस घटना के पीड़ित फेरी वाले की शुक्रवार की रात मौत हो गई. यह घटना क्रूरता की पराकाष्ठा है. फेरी वाला जान की भीख मांगता रहा, लेकिन कोई बचाने नहीं आया. आखिर में शुक्रवार की रात बिहार शरीफ अस्पताल में मौत हो गई.
हुआ क्या था?
बता दें कि फेरी वाले के साथ यह घटना 5 दिसंबर 2025 को हुई थी जब डुमरी गांव से फेरी कर लौट रहा था. भट्टा गांव के पास 5-7 लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस दिल दहला देने वाले हमले में गंभीर रूप से घायल कपड़ा व्यापारी मोहम्मद अतहर हुसैन (40) ने शुक्रवार देर रात बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
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20 वर्षों से करता था फेरी का काम
दरअसल, अतहर नालंदा जिले के लेहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत गगनडीह मोहल्ले के रहने वाले थे. वे पिछले करीब 20 वर्षों से नवादा और आसपास के इलाकों में फेरी लगाकर कपड़े बेचकर अपने परिवार का पेट पालते थे. रोज की तरह वह 5 दिसंबर को भी फेरी से लौट रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा.
कलेजे पर चढ़कर कूदा.. रॉड से पैर तोड़ा
मौत से पहले अतहर ने घटना के बारे में बताया था, जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. उन्होंने बताया था कि डुमरी गांव से लौटते वक्त नशे में धुत 6-7 युवकों ने उन्हें रोका और नाम पूछा. इसके बाद ना सिर्फ उनका सामान छीना, बल्कि उनके साथ पूरी बर्बरता दिखाई. वह काफी समय तक गिड़गिड़ाता रहे, चीखता रहे. लेकिन कोई बचाने नहीं आया. काफी समय बाद जब पुलिस पहुंची तब उन्हें नवादा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अतहर ने बताया था कि उनके कलेजे पर चढ़कर कूदा. रॉड से पैर पर मारा. इसके चलते एक पैर टूट गया. कपड़े तक उतरवाए.
अतहर के परिजनों ने बताया कि हमलावरों ने उनके शरीर पर पेट्रोल भी छिड़का. फिर गर्म लोहे की रॉड से कई जगह दाग दिया. उंगलियां और हाथ तोड़ दिए गए. धीरे-धीरे हमलावरों की संख्या बढ़ती गई और देखते ही देखते 15 से 20 लोग इस हैवानियत में शामिल हो गए. घंटों तक तड़पते रहने के बाद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन शरीर पर लगे गहरे जख्म और अंदरूनी चोटें आखिरकार जानलेवा साबित हुईं. घायल अतहर को नवादा अस्पताल में दाखिल कराया गया था. लेकिन फिर बिहारशरीफ रेफर कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई.
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
यह घटना एक बार फिर बिहार में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई और त्वरित न्याय की जरूरत है. अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस जघन्य अपराध के दोषियों को कब और कैसे सजा तक पहुंचाते हैं.
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