बोकारो में हिमाचल प्रदेश के मंडी में इंजीनियरिंग के 24 छात्रों के व्यास नदी में बहने जैसा ही हादसा होते बाल-बाल बचा। दरअसल हरला इलाके में 10 लड़के दामोदर नदी में नहाने गए थे, लेकिन अचानक तेनूघाट डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से नदी में जलस्तर बढ़ गया और ये लोग वहां फंस गए।
गनीमत रही कि समय से पहले ये लोग किसी तरह एक ऊंचे टीले पर जा खड़े हुए। जब प्रशासन को इसकी खबर मिली, तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और इन्हें निकालने की कोशिश शुरू हुई। डैम को बंद कराया गया, जिससे पानी का जलस्तर कम हो पाया। काफी जद्दोजहद के बाद इन लोगों को किसी तरह से बाहर निकाला गया।
यह घटना काफी हद तक हिमाचल प्रदेश में हुई त्रासदी से मिलती-जुलती है। हिमाचल प्रदेश में लारजी पनबिजली परियोजना के अधिकारियों द्वारा बैराज से अचानक पानी छोड़े जाने के कारण हैदराबाद से आए इंजीनियरिंग के 25 छात्रों का दल और दल के नेता नदी में बह गए थे।
बोकारो के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने कहा कि यह घटना शुक्रवार दोपहर बाद की है। नदी में गए लड़कों की उम्र 15-16 आयु वर्ग के बीच थी। उन्होंने बताया, बोकारो जिले में तेनूघाट बांध से जैसे ही पानी छोड़ा गया, नदी का जलस्तर बढ़ गया। ये सभी चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन द्वारा निर्मित पत्थर के टीले पर चढ़ गए। उन्होंने कहा कि ये लड़के पास के गांव के रहने वाले हैं और इन्हें रात करीब 11:30 बजे जाकर बचाया जा सका।
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