राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने अभिभाषण में संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा तक का बहुत बढ़िया खाका खींचा. उन्होंने देश को प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि चर्चा में शामिल सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि, मेरा सौभाग्य रह है कि मुझे पहले भी कई बार राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद करने के अवसर मिले. लेकिन इस बार महामहिम राष्ट्रपति का अभिनंदन भी करना चाहता हूं. उन्होंने हम सबको मार्गदर्शन दिया. उनकी उपस्थिति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है. आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति हो रही है. उनका आत्मविश्वास बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि, सभी माननीय सदस्यों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया. अपने-अपने आंकड़े और तर्क दिए. अपनी रुचि, प्रकृति के अनुसार सबने अपनी बातें रखीं. अब जब इन बातों को गौर से सुनते हैं, उन्हें समझने का प्रयास करते हैं तो यह भी समझ में आता है कि किस की कितनी क्षमता है, किसकी कितनी योग्यता है और किसकी कितनी समझ है.
पीएम मोदी ने कहा- जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है. जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया.
पीएम ने कहा- आज स्थिरता है, राजनीतिक स्थिरता है.भारत ने दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाया. अपने देशवासियों को फ्री में टीके भी लगवाएं. कई देशों में जहां जरूरत थी वहां दवा पहुंचाई और जहां वैक्सीन की जरूरत थी, उन्हें वैक्सीन दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि देश आत्मविश्वास से भर रहा है और गौरव से भर रहा है. चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता है. चुनौतियां आती रहती हैं, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा मजबूत है 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य.
पीएम मोदी ने कहा कि सदन में हंसी मजाक टीका टिप्पणी होता रहता है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि आज गौरवपूर्ण क्षण में हम जी रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इतनी बड़ी भयंकर महामारी में बंटा हुआ विश्व, युद्ध से हो रहे विनाश के बीच कई देशों में अस्थिरता का माहौल है. कई देशों में भीषण महंगाई है. खाने-पीने का संकट है, बेरोजगारी है. इस स्थिति में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है. इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है.
उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारत्मकता है, आशा है, भरोसा बढ़ा है. आज हमें जी-20 समिट की अध्यक्षता करने का मौका मिला है. ये 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है. लेकिन मुझे लगता है कि इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है. ये लोग 140 करोड़ में नहीं आते हैं. ऐसे लोग खुद को देखें कि उनको दुख क्यों है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि कल कुछ लोग उछल रहे थे. उन्होंने कहा कि कल कुछ लोग बोल रहे थे तो पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था. कल नींद भी अच्छी आई होगी और शायद आज वे उठ भी नहीं पाए होंगे. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि ये हुई न बात.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें भारत की तरक्की दिख ही नहीं रही है. उन्हें 140 करोड़ लोगों के पुरुषार्थ और सामर्थ्य का फल नहीं नजर आ रहा है. आज भारत की समृद्धि में दुनिया अपनी समृद्धि देख रही है. लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग निराशा में डूबे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि, स्टार्टअप के क्षेत्र में आज भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. भारत आज मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है. देश में 108 यूनिकॉर्न बने हैं. दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. लेकिन कुछ लोगों को ये नजर नहीं आ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश में हर जगह आशा ही आशा नजर आ रही है, लेकिन कुछ लोगों को ये दिखता ही नहीं. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा- 'आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दीखे सीन.' पीएम ने कहा कि आज भारत संकल्प और सपने को साथ लेकर चलने वाला देश है. लेकिन कुछ लोगों को ये दिखाई नहीं देगा. अंतर्मन में पड़ी चीजें दिखाई नहीं देती. ये चैन से सोने नहीं देती.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को बार-बार सत्ता से बाहर होने की निराशा है. उनकी निराशा के पीछे जनता का बार-बार हुकुम है. यूपीए में बेरोजगारी दूर करने के वादे पूरे नहीं हुए थे. ये निराशा है. 2004 से 2014 तक अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई. इसकी निराशा है. 10 साल से आतंकवादी हमले होते हैं, अब नहीं होते. इसकी निराशा है. जम्मू-कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा होती थी. अब नहीं होती है. कुछ लोगों को इसकी भी निराशा है. मौके को मुसीबत में पलटना UPA की पहचान थी.
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना का बड़ा महत्व है. मैं हमेशा मानता हूं कि आलोचना एक तरह से लोकतंत्र की मजबूती, इसके समर्थन और इसकी आत्मा के लिए जरूरी है, ये शुद्धि मंत्र है. लेकिन मैं बहुत दिनों से इंतजार कर रहा हूं कि कोई तो तैयारी करके आएगा. कोई तो ऐसी आलोचना करेगा, जिससे देश का लाभ हो. नौ साल तक सिर्फ आरोप लग रहे हैं. आलोचना नहीं हो रही है. चुनाव हार गए, तो चुनाव आयोग पर आरोप लगा दो. अगर भ्रष्टाचार की बात हो रही है.... तो सरकार को गाली दे दो. अगर सेना अपना शौर्य दिखाए, नया विश्वास जगाए, तो सेना को गाली दे दो. उसकी आलोचना करो.
उन्होंने कहा कि 2020 का दशक भारत का दशक है. लोकतंत्र हमारी रगों में है. भारत लोकतंत्र की जननी है. विपक्ष ने नौ सालों में लोकतंत्र की आलोचना नहीं की, बल्कि झूठे आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि, विपक्ष के नेताओं को कोई एकजुट नहीं कर पाया, लेकिन इन्हें ED को धन्यवाद देना चाहिए, क्योंकि उसकी वजह से विपक्ष एक मंच पर आ गया...
पीएम मोदी ने कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कांग्रेस के पतन को लेकर एक स्टडी हो चुकी है. मुझे भरोसा है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर सिर्फ हार्वर्ड ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में स्टडी होनी है. और कांग्रेस को डूबाने वाले लोगों पर भी होनी है. इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने बहुत अच्छी बात कही है, जो सटीक बैठता है- "तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं."
उन्होंने कहा कि, विपक्ष 2014 के बाद से हर मौके पर सत्ता को कोस रहा है. विपक्ष कह रहा है कि भारत कमजोर हो रहा है. इन्हें समझ नहीं आ रहा कि 2014 के बाद से भारत कमजोर हुआ है या मजबूत हुआ है. कुछ लोगों को लगता है कि मोदी को गाली देकर ही उनका रास्ता निकलेगा. मोदी पर भरोसा अखबारों की सुर्खियों से नहीं हुआ है. मोदी पर भरोसा टीवी पर चल रहे चमकते चेहरों से नहीं हुआ है. जीवन खपा दिया है. पल-पल लगा दिया है. देश के लिए जीवन लगा दिया है. देश के लोगों के लिए लगा दिया है. तभी भरोसा आया है. देश वासियों का जो मोदी पर भरोसा है, वो इनकी समझ के दायरे से बाहर है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, मुफ्त राशन को लेकर आरोप लगाने वाले इन लोगों पर मेरे देश के लोग कभी भरोसा करेंगे क्या? जनता आपके झूठे वादों और आरोपों पर कैसे भरोसा करेगी. जिस किसान के खाते में समय से पैसा जमा हुआ है, वो आपके झूठे आरोपों पर कैसे भरोसा कर पाएगा. जिन लोगों को पक्के घर मिले, उन्हें आपकी गालियों पर कैसे भरोसा होगा. आपकी गालियां आपके आरोपों को देशवासी कैसे स्वीकार करेंगे. कुछ लोग अपने लिए अपने परिवार के लिए बहुत कुछ तबाह करने में लगे हैं. वो अपने लिए, अपने परिवार के लिए जी रहे हैं. मोदी के लिए तो 140 करोड़ लोगों का परिवार है. कोई इस सुरक्षा कवच को कभी भेद नहीं सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद पिछड़ों और आदिवासियों की बस्तियों में पहली बार बिजली पहुंची है. पीने का पानी पहुंचा है. बिजली, पानी हो या फोर जी कनेक्शन.. आज उन तक पहुंच रहे हैं. आज एक आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में जब देखते हैं, तब पूरा देश गौरव कर रहा है. आज हमें गर्व है कि महान आदिवासी परंपरा और प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति से देश का मान बढ़ रहा है. मुझे संतोष है कि माताओं, बहनों और बेटियों की सबसे ज्यादा सेवा करने का अवसर हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, जो जैसा चल रहा था, अगर हम वैसा ही चलने देते तो शायद कोई सवाल नहीं कर पाता. क्योंकि देश को ऐसी स्थिति में ला दिया गया था, जहां से निकलना आसान नहीं था. हमने उज्जवला योजना से महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाई. बिजली-पानी पर काम किया. देश में जो काम पहले होना चाहिए था उसमें काफी देर हो गई. मध्यम वर्ग को नकार दिया गया था. लेकिन हमारी एनडीए सरकार ने मध्यम वर्ग की ईमानदारी को पहचाना है. उन्हें सुरक्षा दी गई है, जिसके बाद आज हमारा मध्यम वर्ग देश को नई ऊंचाई पर लेकर जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि, हर मध्यम वर्गीय का सपना होता है कि उसका अपना घर बने. उसे विश्वास देने का काम हमने किया. मध्यम वर्गीय बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए हमने काम किया. हमने यूनिवर्सिटी में सीटें बढ़ाईं, मौके बढ़ाए. देश को आगे बढ़ाना है तो आधुनिकता पर काम करना होगा. समय की मांग है कि आप समय नहीं गंवा सकते. इसके लिए हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किया. एक दशक में बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. हर क्षेत्र में कायाकल्प देखा जा रहा है. हाइवे पर रिकॉर्ड निवेश हो रहा है.
उन्होंने कहा कि, हमने रेलवे में कायाकल्प किया, एयरपोर्ट का कायाकल्प किया. एक समय था जब एक्सीडेंट एक किस्मत बन गई थी. अब ट्रेनों में चीजें बदल गई हैं. हर राज्य वंदे भारत ट्रेनों की मांग कर रहा है. पहले 70 साल में 70 एयरपोर्ट थे. अब नौ साल में 70 एयरपोर्ट बन गए हैं. देश आधुनिकता पर आगे बढ़े इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि, मैं गांव से गुजरा हुआ इंसान हूं. मैंने 40 साल परिव्राजक (संन्यासी) के तौर पर गुजारा है. मैं समाज की हर भावना से वाकिफ हूं. भारतीय समझ निगेटिविटी को सहन कर लेता है, लेकिन स्वीकार नहीं करता. भारतीय समाज का स्वभाव खुशमिजाज है, सृजनशील है. विपक्ष में लोग जो सोच रहे हैं कि आज यहां बैठे हैं, फिर कभी बैठेंगे. मेरी सलाह है कि आप खुद में आत्ममंथन करें. आधार और जीएसटी को आपने न जाने क्या-क्या कह दिया. लेकिन समाज में आधार डिजिटल ट्रांसजेक्शन का आधार बन गया है. जीएसटी से बड़ा बदलाव आया है. आज भारत डिफेंस एक्सपोर्ट करने लगा है. हिंदुस्तान के हर युवा को इस पर गर्व है, लेकिन निराशा में डूबे लोगों से आशा नहीं है.
मोदी ने कहा कि, मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि जरा एक बार नॉर्थ ईस्ट हो आइए. आपके जमाने का नॉर्थ ईस्ट और हमारे जमाने का नॉर्थ ईस्ट. चौड़ी सड़कें, ट्रेन-एयरपोर्ट की सुविधा. नॉर्थ ईस्ट के हर कोने में शांति है.
उन्होंने कहा कि, राजनीतिक मतभेद होते हैं, होते रहेंगे, लेकिन ये देश अजर है अमर है. जो गांधी की बात करते हैं, वे गांधी को एक बात पढ़ लें, गांधी कहते थे आप अगर किसी के अधिकार की बात करते हैं तो अपने कर्तव्य की बात भी कर लें. पीएम मोदी ने विपक्ष को दी गई इस नसीहत के साथ अपना भाषण खत्म किया.
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