भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. जेपी नड्डा 13 दिन पहले 20 फरवरी को ही गुजरात से निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए थे. लेकिन वो अब तक हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे. उनका टर्म अगले महीने खत्म होना था. लेकिन नियम के तहत अगर कोई सदस्य दूसरी सीट से चुन लिया जाता है, तो 14 दिन के अंदर उन्हें पुरानी सीट से इस्तीफा देना पड़ता है. इसलिए नड्डा ने हिमाचल प्रदेश सीट से इस्तीफा दिया.
जेपी नड्डा ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थी. नड्डा को राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है. जून 2019 में नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी 2020 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. हाल ही में बीजेपी ने जगत प्रकाश नड्डा यानी जेपी नड्डा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया. अब वो साल 2024 के जून महीने तक बीजेपी अध्यक्ष बने रहेंगे.
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पटना की राजधानी में हुआ जन्म
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले जेपी नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ था. पटना विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की. इस दौरान उन्होंने जय प्रकाश नारायण के विभिन्न आदोलनों में सक्रियता से हिस्सा लिया. इसके अलावा, जेपी नड्डा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानि एबीवीपी से जुड़े रहे और साल 1989 में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री चुने गए. साल 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए.
स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके जेपी नड्डा
साल 1993 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधान सभा में विधायक बने और नेता प्रतिपक्ष चुने गए. साल 1998 में दोबारा चुनाव जीते और बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने. साल 2010 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए. 2012 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए. साल 2014-2019 तक भारत सरकार में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की कमान संभाली.
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