कर्नाटक में बीजेपी का हाई-वोल्टेज चुनावी अभियान, फोकस में PM नरेंद्र मोदी

बीजेपी के लिए कर्नाटक को जीतना महत्वपूर्ण है. कर्नाटक एकमात्र दक्षिण राज्य है, जहां बीजेपी सत्ता में आई है, लेकिन इस राज्य में बीजेपी कभी पूरे कार्यकाल के लिए शासन नहीं कर पाई है.

कर्नाटक में बीजेपी का हाई-वोल्टेज चुनावी अभियान, फोकस में PM नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी कर्नाटक का समय-समय पर दौरा करते रहे हैं.

बेंगलुरु:

कर्नाटक में इस साल मई में विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) होने हैं. दक्षिण राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी हाई-वोल्टेज चुनावी अभियान चला रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के नेताओं पर इस अभियान की जिम्मेदारी है. चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी कर्नाटक का समय-समय पर दौरा करते रहे हैं. सोमवार को अपनी यात्रा में पीएम मोदी ने शिवमोगा में एक एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. साथ ही बेलगावी में कई योजनाओं का शुभारंभ किया. सत्तारूढ़ दल ने राज्य के चारों कोनों से "विजय संकल्प यात्राओं" की योजना भी बनाई है.

1 मार्च से हुई विजय संकल्प यात्रा की शुरुआत
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने बुधवार को चामराज नगर में माले महाडेश्वर हिल्स से पहली "विजय संकल्प" यात्रा की शुरुआत की. वहीं, गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेलगावी के नंदागढ़ से दूसरी यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को बीदर जिले के बसवकल्याण और देवनहल्ली के अवथी से तीसरी और चौथी यात्रा की शुरुआत करेंगे. बीजेपी नेताओं के अनुसार, चार यात्राओं को राज्य भर में 8000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के लिए प्लान किया गया है.

50 से ज्यादा राष्ट्रीय और राज्य के नेता लेंगे भाग
31 जिलों और 224 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले जन संपर्क कार्यक्रम में 50 से ज्यादा राष्ट्रीय और राज्य के नेता भाग लेंगे. अमित शाह और जेपी नड्डा उन लोकसभा क्षेत्रों का भी दौरा कर रहे हैं, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी. 80 रैलियों, 74 जनसभाओं और 150 रोड शो के बाद 25 मार्च को दावणगेरे में पीएम मोदी की जनसभा के साथ इस यात्रा का समापन होगा.

बीजेपी के लिए कर्नाटक इसलिए है महत्वपूर्ण 
कर्नाटक चुनाव की घोषणा अगले महीने होने की संभावना है. कर्नाटक के अलावा बीजेपी नेतृत्व मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी चुनाव प्रचार में जुटी है. बीजेपी के लिए कर्नाटक को जीतना महत्वपूर्ण है. कर्नाटक एकमात्र दक्षिण राज्य है, जहां बीजेपी सत्ता में आई है, लेकिन इस राज्य में बीजेपी कभी पूरे कार्यकाल के लिए शासन नहीं कर पाई है.

लिंगायत वोट को साधना भी जरूरी
इस बीच कर्नाटक में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे बीएस येदियुरप्पा ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है. पूर्व सीएम येदियुरप्पा राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े लिंगायत नेता थे. लिंगायत कर्नाटक में राजनीतिक रूप से एक शक्तिशाली समुदाय है. 

हालांकि, कर्नाटक में एक "चेहरे" की अनुपस्थिति के कारण बीजेपी आखिरकार अपने सबसे बड़े स्टार प्रधानमंत्री मोदी पर वापस आ गई है. पार्टी को यह भी उम्मीद है कि कांग्रेस के भीतर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नेतृत्व वाले गुटों के बीच की लड़ाई से बीजेपी को फायदा होगा.

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