
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी न सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और भारत की बदलती वैश्विक स्थिति की सतही समझ को भी दर्शाती है. भारत अमेरिका के बीच जारी ट्रेड डील एग्रीमेंट पर राहुल गांधी ने कहा था, 'पीयूष गोयल चाहे जितना भी सीना ठोक लें, याद रखिए मोदी, ट्रंप के टैरिफ अल्टीमेटम के आगे चुपचाप झुक जाएंगे.'
तुच्छ राजनीतिक लाभ
खंडेलवाल ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच जटिल व्यापार वार्ताओं को इस तरह की हल्की और व्यंग्यात्मक भविष्यवाणी में समेट देना एक जिम्मेदार राष्ट्रीय नेता को शोभा नहीं देता. विदेश नीति और व्यापार समझौते गंभीरता, रणनीतिक सोच और राष्ट्रीय एकता की मांग करते हैं, न कि तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए की गई टिप्पणियों की.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अमेरिका, चीन या वैश्विक व्यापार संस्थाओं के साथ बातचीत में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए आत्मविश्वास और दृढ़ता का प्रदर्शन किया है. यह कहना कि भारत 'चुपचाप झुक जाएगा'—उन भारतीय वार्ताकारों के अथक प्रयासों का अपमान है, जो कूटनीति और आत्मनिर्भरता के बीच संतुलन बनाकर काम करते हैं.
देश की इमेज को होता नुकसान
खंडेलवाल ने कहा कि जब भारत को एक उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है और वह प्रमुख व्यापार व सुरक्षा साझेदारियों को आकार दे रहा है, तब विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता की इस तरह की बयानबाजी देश की छवि को नुकसान पहुंचाती है, न कि सरकार को. उन्होंने कहा भारत की वैश्विक विश्वसनीयता घरेलू राजनीति की भेंट नहीं चढ़नी चाहिए.
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