पिछले दिनों सेना ने मुठभेड़ में बुरहान वानी को मार गिराया था
नई दिल्ली:
महबूबा मुफ्ती के रुख से विरोधाभासी बयान देते हुए बीजेपी ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा बलों को हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी की मुठभेड़ स्थल पर मौजूदगी के बारे में जानकारी थी.
वानी के मारे जाने को सफलता करार देते हुए जम्मू कश्मीर बीजेपी प्रमुख सत शर्मा ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयों में आतंकवादी की पहचान मायने नहीं रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक वानी के मारे जाने का सवाल है, निश्चित तौर पर सुरक्षा बलों को जानकारी थी.. वे जानते थे कि अंदर कौन है और उन्होंने हर चीज पर विचार के बाद अपना काम किया.’’ उन्होंने कहा कि बगैर सूचना के सुरक्षा बल काम नहीं करते।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने राष्ट्र को विखंडित करने के लिए बंदूक उठाई है और जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते, वे आतंकवादी हैं तथा मारे जाने के हकदार हैं।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘जिस तरह से हमारे सुरक्षा बलों ने देश को विखंडित करने की इच्छा रखने वाले आतंकवादियों का सफाया करने का काम किया, वह प्रशंसनीय है।’’
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को महबूबा ने कहा था कि सुरक्षा बल दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में आठ जुलाई के छापे के दौरान हिजबुल कमांडर वानी की वहां मौजूदगी से वाकिफ नहीं थे। महबूबा ने यह संकेत भी दिया कि यदि सुरक्षा बलों को वानी की मौजूदगी के बारे में पता होता तो स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था।
उन्होंने कहा कि जहां तक कि मुख्यमंत्री के बयान की बात है, हमें अवश्य ही सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा रखना चाहिए। भाजपा राज्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष होने के नाते मैं कह सकता हूं कि सुरक्षा बलों के लिए आतंकवादियों की पहचान मायने नहीं रखती। उन्होंने कहा कि वानी पर 10 लाख रुपये का ईनाम था।
वानी के मारे जाने को सफलता करार देते हुए जम्मू कश्मीर बीजेपी प्रमुख सत शर्मा ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयों में आतंकवादी की पहचान मायने नहीं रखती है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक वानी के मारे जाने का सवाल है, निश्चित तौर पर सुरक्षा बलों को जानकारी थी.. वे जानते थे कि अंदर कौन है और उन्होंने हर चीज पर विचार के बाद अपना काम किया.’’ उन्होंने कहा कि बगैर सूचना के सुरक्षा बल काम नहीं करते।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने राष्ट्र को विखंडित करने के लिए बंदूक उठाई है और जम्मू कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते, वे आतंकवादी हैं तथा मारे जाने के हकदार हैं।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘जिस तरह से हमारे सुरक्षा बलों ने देश को विखंडित करने की इच्छा रखने वाले आतंकवादियों का सफाया करने का काम किया, वह प्रशंसनीय है।’’
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को महबूबा ने कहा था कि सुरक्षा बल दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में आठ जुलाई के छापे के दौरान हिजबुल कमांडर वानी की वहां मौजूदगी से वाकिफ नहीं थे। महबूबा ने यह संकेत भी दिया कि यदि सुरक्षा बलों को वानी की मौजूदगी के बारे में पता होता तो स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था।
उन्होंने कहा कि जहां तक कि मुख्यमंत्री के बयान की बात है, हमें अवश्य ही सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा रखना चाहिए। भाजपा राज्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष होने के नाते मैं कह सकता हूं कि सुरक्षा बलों के लिए आतंकवादियों की पहचान मायने नहीं रखती। उन्होंने कहा कि वानी पर 10 लाख रुपये का ईनाम था।
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