भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जनता को दी गई सात 'गारंटी' को लेकर यहां चुनाव आयोग से शिकायत की है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें कहा गया है कि चुनाव की घोषणा के बाद ऐसी कोई भी योजना का ऐलान करना नियम के विरूद्ध है जिसका इस्तेमाल कोई राजनीतिक दल मतदाताओं का वोट लेने के वास्ते प्रलोभन देने के लिए करे. भाजपा के बयान के अनुसार, यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन के साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-123 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में भी आता है.
भाजपा प्रबुद्धजन प्रकोष्ठ के संयोजक राजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस की सात ‘गारंटी' का संदेश लिखकर आमजन से मोबाइल से ‘मिसकॉल' करके इनका लाभ लेने के लिये पंजीकरण करवाने को कहा है.उन्होंने कहा कि आमजन को ऐसी ‘गारंटी' योजनाओं का प्रलोभन देने के लिए पंजीकरण करवाना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने के साथ ही आपराधिक कृत्य भी है.
उन्होंने इस प्रकार ‘मिसकॉल' से पंजीकरण करवाने को नियमों के विरुद्ध बताते हुए इसे अविलम्ब रुकवाने के साथ ही कांग्रेस पार्टी व मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ आदर्श आचार सहिता के उल्लंघन के लिए कार्रवाई की मांग की.मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को जनता के लिए पांच 'गारंटी' की घोषणा की थी. इससे पहले दो 'गारंटी' की घोषणा बुधवार को झुंझुनू में प्रियंका गांधी की जनसभा में की थी.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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