आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले ओडिशा के सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को बड़ा झटका लगा है. कटक के सांसद और बीजद के संस्थापक सदस्यों में से एक भर्तृहरि महताब और पूर्व सांसद सिद्धांत महापात्रा के साथ ही पद्मश्री से सम्मानित संथाली लेखिका दमयंती बेसरा बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महासचिव विनोद तावड़े, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और पार्टी की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल की मौजूदगी में तीनों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
प्रधान ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत, विकसित ओड़िशा, पूर्वोदय और सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना से प्रेरित होकर भाजपा परिवार में शामिल होने का इन तीनों गणमान्य व्यक्तियों का निर्णय अभिनंदनीय है. ओड़िशा में इस बार परिवर्तन तय है. ज़मीन से जुड़े ऐसे अनुभवी और प्रतिष्ठित लोगों के भाजपा से जुड़ने से ओडिशा में परिवर्तन के संकल्प को और अधिक मज़बूती मिलेगी.''
कटक लोकसभा क्षेत्र से छह बार सांसद रहे माहताब ने 22 मार्च को बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बीजद में स्वतंत्र रूप से काम करने का पर्याप्त मौका नहीं मिला. तभी से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं.
उनके इस्तीफा देने के कुछ ही दिन बाद बीजद ने लोकसभा चुनाव के लिए महताब का टिकट काट दिया था. कटक में महताब के स्थान पर बीजद ने संतृप्त मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है.
उन्होंने कहा कि जीवन के पड़ाव में एक निर्णय लेना अनिवार्य हो जाता है और उन्हें लगता है कि इस समय भाजपा के साथ जुड़ने का उनका निर्णय सही साबित होगा.
महताब ने कहा, ‘‘मेरा जो अनुभव है, उसके हिसाब से कह सकता हूं कि राष्ट्रवाद, एकात्मता और पूर्वोदय का मिलाप भाजपा के जरिए ही हो सकता है. इसके कई उदाहरण हैं जो मैंने पिछले 10 साल में अनुभव किए. मुझे लगा राज्य की प्रगति और उन्नति के लिए यही सही मौका है. ओडिशा के लिए कुछ कर जाने का मौका है.''
तावड़े ने तीनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर अलग-अलग क्षेत्रों से लोगों का भाजपा के साथ जुड़ने का सिलसिला जारी है.
उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में भी राजनीतिक हालात बदले हैं और वहां के नेताओं का भाजपा में शामिल होना इसे दर्शाता भी है.
बेसरा जनजातीय मुद्दों की शोधकर्ता होने के साथ ही साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वह जनता की तो पहले से ही थी लेकिन आज से वह उनके कल्याण की दिशा में काम करेंगी. बेसरा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास' के नारे से प्रेरित हैं और उसमें सहयोग देने को आतुर हैं.
उन्होंने भी दावा किया अभी ओडिशा में ‘परिवर्तन की हवा' बह रही है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हवा ओडिशा में सभी को छू रही है. पार्टी के आदर्श में लोगों का विश्वास और भी दृढ़ हुआ है.'' बेसरा ने कहा कि वह महिलाओं को भाजपा से जोड़े रखने के लिए काम करेंगी.
सिद्धांत महापात्रा ओडिशा फिल्म उद्योग का चर्चित चेहरा रहे हैं. वह 15वीं और 16वीं लोकसभा में बेरहमपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में बदलाव ला रहे हैं और वह चाहते हैं कि ओडिशा भी इससे अछूता नहीं रहे.
ओड़िशा में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो रहे हैं. ओडिशा में भाजपा प्रमुख विपक्षी पार्टी है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजद ने 21 लोकसभा सीट में से 12 पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की. वहीं, विधानसभा चुनाव में बीजद को 113 सीट मिलीं, भाजपा को 23, कांग्रेस को नौ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को एक सीट मिली और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की.
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