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This Article is From Oct 22, 2020

बिहार चुनाव: उपेक्षा से मधुबनी पेंटिंग्‍स के कलाकार खफा, बैनर लगाए 'जितवारपुर शिल्‍पग्राम नहीं तो वोट नहीं'

मधुबनी पेंटिंग्‍स के लिए जाना जाता है लेकिन जितवारपुर को शिल्‍पग्राम बनाने का वादा नीतीश सरकार की ओर से पूरा नहीं किया गया.

जितवारपुर गांव में वोटिंग के बायकॉट को लेकर लगे बैनर

Bihar Assembly Election 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मधुबनी पेंटिंग्स (Madhubani Paintings) वाले मास्क की वक़ालत तो की लेकिन सरकार की तरफ़ से इसके कलाकारों के लिए अभी तक कुछ ठोस नहीं किया गया है.लिहाज़ा फौरी तौर पर कुछ मास्क तो बिके लेकिन कलाकारों का पुराना दर्द अभी गया नहीं है. मधुबनी पेंटिंग्स के कलाकारों की सबसे बड़ी मांग यह है कि बिचौलियों को हटाकर खरीदारों तक उनकी सीधी पहुंच की जाए लेकिन सालों के आश्वासन के बाद भी इस दिशा में कुछ ठोस नहीं किया गया है. लिहाज़ा कलाकार या तो औने-पौने दामों में कलाकृतियां बेचने को मजबूर हैं या फिर कला छोड़ रहे हैं. कई बार कलाकारों से बड़ी दीवारों आदि पर पेंटिग के लिए दिहाड़ी की दर पर काम किया जाता है औरइसमें भी काम के न्यूनतम दिन तय नहीं हैं. ऐसे समय जब बिहार में चुनाव कुछ दिन बाद ही होने हैं, मधुबनी पेंटिंग्‍स के कलाकारों की तंगहाली का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. मधुबनी के जितवारपुर में गांव के लोगों ने नेताओं के 'नो एंट्री' का बोर्ड लगा दिया है. इन कलाकारों की खास नाराजगी नीतीश कुमार सरकार से है. 2018 में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इसे शिल्पग्राम बनाने का वादा किया था. इसके साथ ही म्यूजियम और अस्पताल बनाने की भी बात की गई थी, लेकिन इस मामले में कुछ नहीं हुआ. 

u253a0r8जितवारपुर गांव के लोगों ने बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी का इजहार किया

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गांववालों की नाराजगी दूसरे दलों से भी है. यही कारण हैं कि उन्‍होंने जितवारपुर के शिल्‍पग्राम न बनने पर वोटिंग के बहिष्‍कार की धमकी दी है.  गांव में बड़े-बड़े पोस्‍टर-बैनर लगाए गए हैं जिसमें लिखा है-शिल्‍पग्राम जितवारपुर में राजनीतिक दलों का आना वर्जित है. एक अन्‍य बैनर में लिखा है-जितवारपुर शिल्‍पग्राम नहीं तो वोट नहीं. गांव के लोगों से बात करने पर राज्‍य सरकार के प्रति उनकी नाराजगी साफतौर पर दिखी. 

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लोगों ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग्‍स के लिए जाना जाता है लेकिन जितवारपुर को शिल्‍पग्राम बनाने का वादा नीतीश सरकार की ओर से पूरा नहीं किया गया. लोगों ने कहा कि उन्‍होंन दूसरे दलों से भी इस मामले में मदद की गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ. शिल्‍पग्राम बनाया जाना तो दूर, यहां न म्‍यूजियम बना और न ही अस्‍पताल. विदेशी सैलानियों के लिए विश्रामगृह (Resh House) का निर्माण किए जाने सहित खरीदार और कलाकारों के बीच से बिचौलियों को हटाने का भी वादा किया गया था लेकिन किसी को भी पूरा नहीं किया गया. गांव वाले इसे लेकर खासे नाराज हैं. लिहाज चुनावी बेला में वे सियासी दलों पर गुस्‍सा दिखाने से नहीं चूक रहे. उन्‍होंने दोटूक अंदाज में कह दिया है जितवार शिल्‍पग्राम नहीं तो वोट नहीं...

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