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This Article is From Mar 10, 2023

बिहार : उचित दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों का अनोखा प्रदर्शन, एनएच-28 पर फेंका सैकड़ों बोरे आलू

बेगूसराय जिले के बछवारा प्रखंड के किसानों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि सरकार आलू का समर्थन मूल्य तय करें जिससे किसान अपने आलू को उचित भाव पर बेच सकें.

आलू किसानों नेएनएच-28 पर सैकड़ों बोरे आलू फेंककर नाराजगी का इजहार किया

पटना:

बिहार के बेगूसराय में आलू किसानों ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी का इजहार किया.  इन किसानों ने शुक्रवार को एनएच-28 पर सैकड़ों बोरे आलू फेंककर किसानों ने अपनी नाराजगी जताई और केंद्र एवं राज्य सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी की. गौरतलब है कि बेगूसराय जिले के बछवारा प्रखंड के किसानों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि सरकार आलू का समर्थन मूल्य तय करें जिससे किसान अपने आलू को उचित भाव पर बेच सकें. बेगूसराय जिले के विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है लेकिन इस बार न तो किसानों को व्यापारी मिल रहे हैं और न ही कोल्ड स्टोर के मालिकों द्वारा किसानों की आलू को ही रखा जा रहा है. आलम यह है कि अब खेत पर आलू निकालने के लिए किसानों को मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. 

साग सब्जियों एवं आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो

ऐसे में किसानों ने लिखित तौर पर कई बार सरकार एवं जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की लेकिन मांगों पर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तेा उन्‍होंने अपने आलू को रास्‍ते पर फेंककर अपने रोष का इजहार किया है. किसानों ने मांग की है कि राज्‍य में केरल की तर्ज पर हरी साग सब्जियों एवं आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए.किसानों ने यह भी कहा है कि पहले फसल क्षति का मुआवजा भी किसानों को दिया जाता था लेकिन अब सरकार ने अब वह भी बंद कर दिया है जिससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. 

मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज करेंगे

किसानों ने कहा कि आज आलू के किसानों की जो हालत है. रोपाई, बुवाई, दवा का छिड़काव और खुदाई को लेकर आज आलू का लागत मूल्‍य ऊपर नहीं जा रहा है. साथ ही साथ कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा 50  रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी गई है. सरकार ने आलू को एमएसपी के दायरे में नहीं लाया गया है. इसलिए हमने आलू को सड़क पर फेंककर अपनी नाराजगी जताई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि आलू को एमएसपी के दायरे में लाया जाए. साथ ही साथ बिहार सरकार, फसल सहायता के दायरे में किसान को प्रति एकड़ कम से कम 20 हजार रुपये दे, कोल्‍ड स्‍टोरेज के भाड़े में इजाफे को वापस लिया जाए. सरकार ने हमारी मांग पर ध्‍यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. 

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