ईडी को मिली मनीष सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड, सुनवाई के दौरान कोर्ट में रखी गईं ये दलीलें

मनीष सिसोदिया को पिछले महीने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. स्पेशल CBI जज एमके नागपाल ने सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था

ईडी को मिली मनीष सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड, सुनवाई के दौरान कोर्ट में रखी गईं ये दलीलें

मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की 1 नंबर जेल में रखा गया है.

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय दिल्‍ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितता से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने ईडी की मनीष सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड दी है. इस दौरान मनीष सिसोदिया और ईडी की ओर से पेश हुए वकीलों ने कई दलीलें रखीं. सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी की ईएफआईआर अगस्त 2022 की है. इस तरह के व्यवहार की कोर्ट को चिंता करनी चाहिए. बेगुनाही को साबित करने के लिए भारी बोझ आरोपी सिसोदिया पर डाल दिया जाता है. 57 पन्ने का रिमांड अर्जी है, लेकिन सारी बातें सीबीआई की अर्जी वाली है, एक पैसे का मनी ट्रेल नहीं दिखा पा रहे हैं. फिर भी रिमांड चाहिए. वहीं, ईडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को नजरंदाज किया गया. होल सेलर के लाभ को बढ़ाया गया. उसके लिए पुरानी शराब नीति में बदलाव किए गए. शराब नीति पर जनता की राय लेना महज एक नजरों का धोखा था. ईडी 5 से 12% प्रॉफिट मार्जिन किया गया.

सिसोदिया के वकील ने कहा...

सिसोदिया के वकील ने कहा- एक एजेंसी को आरोप लगाने से पहले ये साबित करना होगा कि मनीष सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी हैं. उन्हें यह स्थापित करना होगा कि सिसोदिया ने 20 करोड़ या 30 करोड़, या 20-30 लाख या यहां तक ​​कि 20 से 30 रुपये प्राप्त किए हैं.

सिसोदिया की तरफ से वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि फरवरी 2021 में दिनेश अरोड़ा ने बताया कि उसके पास सार्थक नाम से लाइसेंस है, उसको ट्रांसफर करवाना है. सिसोदिया से इसको लेकर बात करो, विजय नायर ने इसपर कहा- वह शराब नीति को लेकर सिसोदिया से कोई बात नहीं कर सकते हैं.

सिसोदिया के वकील ने कहा कि अगर गोवा चुनाव में आपको पैसा देने की बात विजय नायर की तरफ से कही गई, तो इसमें सिसोदिया कहां हैं.

सिसोदिया के वकील ने कहा कि राजेश जोशी ने अपने बयान में एक जगह कहा था कि 30 करोड़ कैश लिया, गोवा चुनाव में 5 लाख, सर्वे के काम के लिए कुछ हज़ार रुपये लिये.

मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि बुचिबाबू के जिस बयान का ज़िक्र ईडी का रही है, उस समय बुचिबाबू सीबीआई की हिरासत में था. जांच एजेंसी जितना जीरो जोड़ना चाहे जोड़ सकती हैं, लेकिन सज़ा को नहीं बढ़ा सकते.

इन दिनों यह फैशन हो गया है कि यह अपने अधिकार की तरह गिरफ्तारी करते हैं. समय आ गया है कि अब अदालत एजेंसियों को काबू में करें. इनको यह ताकत इसलिए मिल जाती है, क्योंकि एक तो हम अपना होमवर्क ठीक से नहीं करते और ना ही कोर्ट को सूचित करते हैं कि उसको इस मामले में देखने की जरूरत है और बस यह देखते हैं कि क्या उनको कस्टडी में लेने की पॉवर है.

साफ दिख रहा है बदनीयती से काम हो रहा है. पीएमएलए का जैसे सख्त कानून का फायदा लेने की कोशिश की है, ताकि आरोपी को जमानत ना मिल सके. जिन लोगों के बयानों का हवाला ईडी ने दिया है, वो मिलते-जुलते रहते हैं. एलजी की शिकायत के बाद मेरा फोन बदलने की बात गलत है. सिसोदिया के टालमटोल करने का आरोप लगाना गलत है. सिसोदिया वो नहीं बोले जो ईडी सुनना चाहती है. कुछ लोगों से कहीं भी मुलाकात हो जाना अपराध साबित नहीं करता. कह रहे हैं 292 करोड़ बनाए गए, ये सब हवा में ही है.

मनीष सिसोदिया को ईडी ने कभी समन नहीं किया, जब तक कि इनकी जमानत पर सुनवाई निश्चित नहीं हो गई. जमानत पर सुनवाई से 1 दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी की ईएफआईआर अगस्त 2022 की है. इस तरह के व्यवहार की कोर्ट को चिंता करनी चाहिए. बेगुनाही को साबित करने के लिए भारी बोझ आरोपी सिसोदिया पर डाल दिया जाता है. 57 पन्ने का रिमांड अर्जी है, लेकिन सारी बातें सीबीआई की अर्जी वाली है, एक पैसे का मनी ट्रेल नहीं दिखा पा रहे हैं. फिर भी रिमांड चाहिए.

जब  सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है. चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए, LG के पास जाता है. एलजी ने पॉलिसी को देखा. एलजी ने जो शिकायत की है वो टेंडर के बाद की है, पहले की नहीं. यहां टेंडर से पहले की बात हो रही है. इसके अलावा सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला. अब कहा जा रहा है विजय नायर सिसोदिया के लिए काम कर रहा था. धन-शोधन निवारण अधिनियम बेहद सख्त कानून हैं. यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी हो रही है.

सिसोदिया के वकील ने राउस एवेन्‍यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि आज ईडी ने जो बोला है, वो दरअसल सीबीआई का केस है. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता. यह पॉलिसी एलजी के पास गई. एलजी सीधे केंद्र सरकार से जुड़े हुए हैं. मेरे पास से कोई पैसा नहीं मिला है, तो अब यह कहने लग गए हैं कि विजय नायर मेरे कहने पर काम कर रहा था. इनको अब तक मेरे पास से एक भी रुपया क्यों नहीं मिला? एलजी ने तीन सवाल भेजे, लेकिन उनमें से कोई भी प्रॉफिट मार्जिन या एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर नहीं थे. कोई भी चुनी हुई सरकार जब नीति बनाती है, तो वह अलग-अलग स्तर पर बनती है, जिसमें सरकार और नौकरशाह दोनों शामिल होते हैं.

ED ने कोर्ट में कहा...

ईडी ने जवाबी बहस में कहा- आरोपी के वकील की दलील है कि ये पॉलिसी का मामला है और फैसला  कार्यपालिका का मामला होता, इसका मतलब ये है कि फिर तो कोयला घोटाला या 2जी घोटाला नहीं होता. आरोपी की तरफ से तीनों वकीलों की दलील सही नहीं है. पीएमएलए में न तो गिरफ्तारी के समय और ना ही बेल के समय अपराध साबित करने की आवश्यकता है.

ईडी ने सिसोदिया की तरफ से तीन वरिष्ठ वकीलों के पेश होने पर आपत्ति जताई. ईडी के वकील ने कहा कि कई आरोपियों के लिए इतने वकील पेश होते, तो कोई बात नहीं थी लेकिन सिर्फ एक आरोपी के लिए तीन वकीलों का पेश होने पर हमको आपत्ति है.

ईडी ने कहा कि देवेन्द्र शर्मा (सिसोदिया पीएस) ने अपने बयान में कहा कि उसके नाम पर सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया. बड़ी तादात में डिजिटल एविडेंस को नष्ट किया गया. मनी ट्रेल का पता लगाना है. ईडी ने कहा कि डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने का मकसद जांच को भटकाना था. ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने एक साल के भीतर 14 फोन को नष्ट किया, दूसरे नाम पर सिम कार्ड और फोन को खरीदा. 

ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर एजी कृष्णा को इंडोस्पिरिट की होलसेल लाइसेंस वाली फाइल क्लियर करने को कहा, जबकि एक्साइज कमिश्नर इंडोस्पिरिट के खिलाफ कार्टेलाइजेशन की शिकायतों का मुद्दा उठा रहे थे.

ग्रुप ऑफिसर की मीटिंग में 12 फ़ीसदी प्रॉफिट मार्जिन पर चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन वह उस ड्राफ्ट का हिस्सा था जो मनीष सिसोदिया ने अपनी सेक्रेटरी को दिया. जज ने पूछा कि क्या यह फाइनल रिपोर्ट का हिस्सा थे? ईडी ने बताया कि 12% प्रॉफिट मार्जिन फाइनल रिपोर्ट का हिस्सा थे, जबकि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में या फिर किसी कंसल्टेशन में इस पर चर्चा नहीं हुई. ईडी के मुताबिक, 12 फ़ीसदी प्रॉफिट मार्जिन खुद सिसोदिया ने रखा. ईडी के मुताबिक, मनीष सिसोदिया ने ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट अपने सचिव अरविंद को दिया. यह डॉक्यूमेंट अरविंद केजरीवाल के घर पर दिया गया और सचिव से कहा गया कि इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार करें.

कोर्ट में ईडी ने कहा कि  के कविता के ऑडिटर बुच्‍ची बाबू ने बताया कि मनीष सिसोदिया और  उनके बीच राजनीतिक तालमेल था. के कविता ने विजय नायर से मुलाक़ात की थी. विजय नायर मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के इशारे पर काम कर रहा था. बुच्ची बाबू के पास ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की रिपोर्ट सबमिट होने से 2 दिन पहले जीओएम रिपोर्ट के हिस्से थे.

ईडी ने कोर्ट को बताया कि दिनेश अरोड़ा ने अपने स्टेटमेंट में बताया था कि संजय सिंह ने उन्हें कॉल किया था. दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि संजय सिंह ने कॉल करके कहा कि वो चुनाव के लिए फंड जमा करे. ईडी ने कहा कि सिसोदिया कई बार अरोड़ा के रेस्‍तरां कोर्टयार्ड भी गए. ईडी ने कहा कि इंडोस्प्रिट को  लाइसेंस देने के लिए मनीष सिसोदिया ने कहा था. आरोपी मनोज राय ने अपने बयान में कहा विजय नायर सिसोदिया के इशारे पर काम कर रहा था.

ईडी ने कहा कि प्रॉफिट मार्जिन 6 से बढ़ाकर 12 % किया गया, ये बढ़ा हुआ हिस्सा  दलाली के तौर पर मिला. बिजनौर के जरिए आम आदमी पार्टी नेताओं की साउथ ग्रुप से बातचीत हुई और उनको 100 करोड़ रुपये साउथ ग्रुप से मिले. इन 100 करोड़ रुपये के बदले में विजय नायर ने यह सुनिश्चित किया कि साउथ ग्रुप को होलसेल डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल जोन के लाइसेंस मिले.

ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में कुछ ऐसी बातें जिनपर कभी चर्चा ही नही की गई उन्हें इसमें रखा गया और अमल में लाया गया था. ईडी ने कहा कि आरोपी से जुड़े सीए ने खुलासा किया है. ईडी ने कहा शराब की बिक्री के लिए जो तय व्यवस्था थी, उसका भी उल्लंघन हुआ. कुछ लोगों को फायदा देने के लिए ये सब किया गया. ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया है.

सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली के आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था. आज उनके बाहर निकलने की संभावना थी, लेकिन जमानत पर सुनवाई से पहले ही उन्हें गुरुवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को जांच में सहयोग नहीं करने पर सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.

वहीं गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने मनी लांड्रिंग के केस में तिहाड़ जेल नंबर 1 के अंदर ही सिसोदिया को गिरफ्तार किया. आबकारी केस में ईडी अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. सिसोदिया के बयानों के आधार पर ईडी ने दो बार की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ईडी सूत्रों के मुताबिक मनीष सिसोदिया से पूछताछ में केसीआर की बेटी के कवीथा की आबकारी केस में भूमिका और 100 करोड़ की किक बैक को लेकर भी सवाल दागे गए थे और कई सवालों के जवाब संतोषजनक नहीं दिए जाने पर उनकी गिरफ्तारी की गई है.

के कविता से ईडी 11 मार्च को करेगी पूछताछ
दिल्ली शराब नीति मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता से ईडी 11 मार्च को पूछताछ करेगी. पहले ईडी ने उन्हें 9 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन के कविता ने ईडी से वक्त मांगा था. इस मामले में सीबीआई (CBI) उनसे पहले ही पूछताछ कर चुकी है.

सिसोदिया अंडर ट्रायल आरोपी हैं
51 साल के मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की 1 नंबर जेल में वार्ड नंबर 9 में रखा गया है. यह सीनियर सिटीजन वार्ड है, जहां उन पर CCTV की निगरानी भी रहेगी. केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन भी इसी वार्ड में 7 नंबर में हैं. सिसोदिया अंडर ट्रायल आरोपी हैं, इसलिए वे जेल में अपनी सुविधा के मुताबिक कपड़े पहन सकते हैं. उन्हें जेल से ही कुछ कपड़े दिए गए थे.

26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को पिछले महीने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. स्पेशल CBI जज एमके नागपाल ने सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. CBI के वकील ने कहा था कि सिसोदिया की और रिमांड नहीं मांगी जा रही है, लेकिन अगले 15 दिनों में जरूरत पड़ने पर दोबारा कस्टडी मांगी जा सकती है.

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सिसोदिया को मेडिटेशन सेल में रखा गया है. उन्हें जेल में अपने पास डायरी, पेन, भगवत गीता और चश्मा रखने की परमिशन मिली है. पूर्व डिप्टी CM को उनकी MLC में लिखी गईं दवाएं लेने की भी अनुमति है.