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बिहार SIR बवाल: 22 दिन बाद राजनीतिक दल की तरफ से पहली आपत्ति दर्ज, जिंदा को मृत बता काटा नाम

चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले जो शिकायत मिले थे, वह निर्धारित फॉर्मेट में नहीं थे. एक BLA एक दिन में अधिकतम 10 दावा या आपत्ति कर सकता है.

बिहार SIR बवाल: 22 दिन बाद राजनीतिक दल की तरफ से पहली आपत्ति दर्ज, जिंदा को मृत बता काटा नाम
बिहार में SIR के खिलाफ प्रदर्शन करते भाकपा माले के कार्यकर्ता. (फाइल फोटो)
  • बिहार में जारी SIR प्रक्रिया के दौरान पहली राजनीतिक दल की आपत्ति भाकपा माले के BLA ने दर्ज कराई है.
  • विश्वकर्मा पासवान ने आरा विधानसभा के मिंटू और मुन्ना पासवान के नाम जोड़ने के लिए चुनाव आयोग में आपत्ति की है.
  • मिंटू पासवान को मृत बताकर और मुन्ना पासवान को प्रवासी बताकर ड्राफ्ट सूची से नाम काटे गए थे.
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पटना:

Bihar SIR: बिहार में जारी SIR की प्रक्रिया के बीच राजनीतिक दल की तरफ से पहली आपत्ति दर्ज की गई है. 22 दिन बाद पहली आपत्ति दर्ज हुई है. भाकपा माले के BLA विश्वकर्मा पासवान ने यह आपत्ति दर्ज कराई है. चुनाव आयोग लगातार राजनीतिक दलों को दावा और आपत्ति दर्ज करने के लिए कह रहा था, लेकिन उनकी तरफ से आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी. अब शुक्रवार को सीपीआई के बीएलए विश्वकर्मा पासवान ने आरा विधानसभा के मिंटू पासवान और मुन्ना पासवान के नाम जोड़ने के लिए आपत्ति दर्ज कराई है.

एक वोटर को मृत बता काटा नाम, एक को प्रवासी बताया

उन्होंने बताया कि मिंटू पासवान को मृत बताकर ड्राफ्ट सूची से बाहर किया गया था तो वहीं मुन्ना पासवान को स्थानांतरित बता कर उनका नाम काट दिया गया था. मिंटू पासवान सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे. भाकपा माले का दावा है कि पार्टी ने एक दर्जन से अधिक आपत्तियां दर्ज कराई हैं लेकिन आयोग सिर्फ 2 ही दर्ज की हैं.

निर्धारित फॉर्मेट में शिकायत के बाद भी आपत्ति दर्ज नहीं हो रहीः माले

माले ने गुरुवार को ही चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की थी कि निर्धारित फॉर्मेट में शिकायत दर्ज करने के बावजूद उनके BLA की तरफ से दावा-आपत्ति शून्य ही दिखाई जा रही है. माले के BLA विश्वकर्मा पासवान ने 20 अगस्त को आपत्ति दर्ज की थी. आरा विधानसभा क्षेत्र के ERO ने आवेदन की जांच के बाद इसे स्वीकार किया. इस तरह यह राजनीतिक दलों की तरफ से आपत्ति का पहला मामला बना.

एक BLA एक दिन में 10 दावा कर सकता है

चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले जो शिकायत मिले थे, वह निर्धारित फॉर्मेट में नहीं थे. एक BLA एक दिन में अधिकतम 10 दावा या आपत्ति कर सकता है. लेकिन कई BLA इससे ज्यादा लोगों की सूची अधिकारियों को सौंप रहे थे. इसलिए वह आवेदन स्वीकार नहीं किए गए. राजनीतिक दलों की तरफ से दी गई ऐसी शिकायतों को सामान्य शिकायत के रूप में दर्ज कर उसकी जांच की जा रही है.

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