महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि देशमुख को संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी जमानत दी गई है.
सीबीआई ने पिछले साल दिसंबर में भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को एनसीपी नेता को जमानत दे दी थी, लेकिन कहा कि यह आदेश 10 दिनों के बाद प्रभावी होगा, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था.
उच्च न्यायालय ने कहा था कि खारिज किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े के बयान को छोड़कर, सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड किए गए किसी भी बयान से संकेत नहीं मिलता है कि नेता के इशारे पर मुंबई में बार मालिकों से पैसा वसूला गया था. शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में, जांच एजेंसी ने दावा किया है कि उच्च न्यायालय ने देशमुख को जमानत देने में "गंभीर त्रुटि" की है, जांच एजेंसी द्वारा मामले की योग्यता और प्रभाव दोनों पर गंभीर आपत्तियों की अवहेलना की. उसकी जमानत जारी जांच पर होगी.
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