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This Article is From Apr 29, 2025

एनडीटीवी की मुहिम का बड़ा असर: दिल्‍ली में मनमानी फीस नहीं ले पाएंगे स्कूल, स्‍कूल फीस एक्‍ट को मिली मंजूरी

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने मंगलवार को दिल्ली स्कूल फी एक्ट को मंज़ूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से हजारों अभिभावकों को राहत मिल सकती है. दिल्ली में स्कूलों की फीस वृद्धि में मनमानी बंद होगी.

नई दिल्ली:

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने मंगलवार को दिल्ली स्कूल फी एक्ट को मंज़ूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से हजारों अभिभावकों को राहत मिल सकती है. दिल्ली में स्कूलों की फीस वृद्धि में मनमानी बंद होगी. गौरतलब है कि स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के माता-पिता लगातार हो रही फीस बढ़ोतरी से परेशान हैं. इस बीच लोकल सर्कल्स की एक रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक 42 फीसदी पेरेंट्स ने माना है कि बीते तीन सालों में 50 से 80 फीसदी तक स्कूल फीस बढ़ाई गई है. एनडीटीवी की तरफ इसे लेकर एक मुहिम भी चलाया गया था. 

दिल्ली शिक्षा निदेशालय कार्यालय के बाहर अभिभावकों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था. राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा 'अनियमित और अत्यधिक' फीस वृद्धि के खिलाफ माता-पिता और अभिभावक लंबे समय से शिकायतें कर रहे हैं.  दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सभी निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को तत्काल रोकने की चुनौती दी थी.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पिछले कुछ समय से पैरेंट्स की शिकायत थी कि फीस की समस्या को समाधान करने की शुरुआत हो चुकी है. Delhi school education transpiracy and regulation 2025 बिल को पास किया है. इसके तहत फीस में बढोत्तरी की प्रक्रिया पारदर्शी होगी. बिल को लाकर पैरेंट्स को राहत देने का काम किया गया है.

कैसे करेगा ये एक्ट काम 

  • नियम के तहत अब दिल्ली के स्कूलों में तीन साल तक फीस नहीं बढ़ेगा.
  • शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि फीस का निर्धारण तीन स्तरीय समिति करेगी.
  • पहले लेबल स्कूल फीस रेगुलेशन कमेटी बनेगी चेयरमैन मैनेजमेंट होगा. 
  • इस समिति में तीन टीचर और 5 अभिभावक होंगे. 
  • ये पांच सदस्य ड्रा के माध्यम से चुना जाएगा ये लोग तीन साल के लिए फीस का निर्णय करेंगे.
  • 18 प्वाइंट्स के आधार पर स्कूल निर्णय करेगा कि फीस बढ़नी चाहिए या नहीं.

शिक्षा के क्षेत्र में बाजारीकरण बर्दाश्त नहीं

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने हाल ही में कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का बाजारीकरण बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने कहा था कि नई सरकार दिल्ली के बच्चों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह के प्रयास करेगी. आशीष सूद ने कहा था कि  स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं. प्राइवेट स्कूलों के जरिए पिछली सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी. उन्होंने मनीष सिसोदिया को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके पास भ्रष्टाचार के संबंध में कोई भी सबूत हैं  तो टीबी पर सामने आएं. सरकार पर झूठे आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाएं.

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