भारत बायोटेक, जो नाक से दिए जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड-19 वैक्सीन पर काम कर रही है, को इस माह नियामक लाइसेंस मिलने की उम्मीद है. बीबीआईएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एल्ला ने यह बात कही. एल्ला ने यह भी बताया कि भारत बॉयोटेक इंटनेशनल लिमिटेड (BBIL), मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन बनाने वाले दुनिया के दो प्लांट (संयंत्र) में से एक है. कंपनी का वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट गुजरात के अंकलेश्वर में है. दूसरा प्लांट जर्मनी के बावेरियन नॉर्डेक में है.
हाल ही में एक कार्यक्रम में एल्ला ने कहा, "हम लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे और यह मिलना चाहिए. यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले माह (अगस्त) तक यह हो जाएगा. आप लोग कोरोनावायरस नेजल वैक्सीन हासिल करेंगे और यदि कोई वेरिएंट आता है तो इससे लड़ने के लिए जल्दी और तेजी से बढ़ना आसान होगा. इसलिए हम आशावादी हैं कि इंजेक्शन और नाक वाली वैक्सीन, दोनों ही भविष्य में लोगों के जीवन को बचाने का काम करेंगी. किसी वेरिएंट के आने की स्थिति में हम इसे 'संभाल' सकते हैं. "उन्होंने बताया कि कंपनी ने 4 हजार वालेंटियर्स के साथ नेजल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और अब तक साइड इफेक्ट और एंडवर्स रिएक्शन (प्रतिकूल प्रतिक्रिया) का एक भी उदाहरण सामने नहीं आया है.
कोरोनावायरस के लिए नाक से लिए जाने वाले वैक्सीन को सही ठहराते हुए एल्ला ने कहा कि कोई भी इंजेक्टेबल वैक्सीन (injectable vaccine/इंजेक्शन वाला वैक्सीन) केवल निचले स्तर (शरीर के) को प्रोटेक्ट करता है. इसलिए जिन लोगों को इंजेक्शन वाले टीके लगाए गए गए हैं, वे अभी भी आरटी-पीसीआर पॉजिटिव हो सकते हैं जबकि नेजल वैक्सीन, पूरे शरीर को प्रोटेक्शन (सुरक्षा) प्रदान करता है.
* अगर अर्थव्यवस्था मजबूत है तो सरकार 'वन रैंक, वन पेंशन' क्यों नहीं देती? केंद्र पर ओवैसी का तंज
* अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया अलकायदा सरगना जवाहिरी, US राष्ट्रपति बोले- 'अब न्याय हुआ'
* 'पार्थ चटर्जी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे', ED ने ममता बनर्जी के पूर्व मंत्री पर लगाया आरोप
केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah के नाम पर दो करोड़ की ठगी, बीजेपी नेता पर लगा आरोप
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं